धर्म-अध्यात्म

जानिए क्यों भद्रा मुहूर्त में नहीं बांधनी चाहिए राखी

Tara Tandi
4 Aug 2022 9:33 AM GMT
जानिए क्यों भद्रा मुहूर्त में नहीं बांधनी चाहिए राखी
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रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं और अपने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं. वहीं भाई बहन की रक्षा का वचन देता है. रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रहा है. हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में ही भाइयों के कलाई में राखी बांधनी चाहिए. भद्रा मुहूर्त ने कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए. आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से कि क्यों भद्रा मुहूर्त में राखी नहीं बांधनी चाहिए?

जानिए शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 11 अगस्त, गुरुवार के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा. इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होगी और 12 अगस्त शुक्रवार सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी.
भद्रा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार भद्रा पुंछ- शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. भद्रा मुख- शाम 6 बजकर 18 मिनट से 8 बजे तक रहेगा और भद्रा समाप्ति- रात 8 बजकर 51 मिनट पर रहेगा.
जानिए क्यों भद्रा मुहूर्त में नहीं बांधनी चाहिए राखी
हिंदू मान्यता के अनुसार भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए भद्रा काल के समय राखी बंधवाना अच्छा नहीं माना जाता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भद्रा काल में किए गए कार्य अशुभ होते हैं और उनका परिणाम भी अशुभ होता है, इसलिए भद्रा काल के समय कभी भी भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए.
इसके पीछे पौराणिक कथा है. इस कथा के अनुसार रावण ने अपनी बहन से भद्रा काल में ही राखी बंधवाई थी, जिसका परिणाम रावण को भुगतना पड़ा. रावण की पूरी लंका का विनाश हो गया. तब से लेकर आज तक कभी भी भद्रा मुहूर्त में राखी नहीं बांधवाई जाती है.
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