धर्म-अध्यात्म

जानिए क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, पढ़े इसके पीछे की ये पौराणिक कथा

Triveni
7 Nov 2020 8:52 AM GMT
जानिए क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, पढ़े इसके पीछे की ये पौराणिक कथा
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इस वर्ष हिंदू पंचांग के मुताबिक, 14 नवंबर यानी शनिवार को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| स वर्ष हिंदू पंचांग के मुताबिक, 14 नवंबर यानी शनिवार को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी या काली चौदसी भी कहा जाता है। इस दिन दिए जलाए जाते हैं ठीक वैसे ही जैसे दिवाली पर किया जाता है। नरक चौदस के दिन दिए क्यों जलाए जाते हैं इसे लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक चतुर्दशी तिथि पर ही श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसी के चलते इस दिन का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि किसी स्त्री के हाथों की नरकासुर का वध हो सकता था इसीलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया। इनकी सहायता से ही श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया। कहा जाता है कि नरकासुर ने करीब 16,000 कन्याओं को अपने पास बंदी बना रखा था। श्रीकृष्ण ने इस राक्षस का वध कर उन सभी को बंधन से मुक्त कराया था।

जब श्रीकृष्ण ने उन सभी कन्याओं को बंध मुक्त कराया तब उन सभी ने कहा कि उन्हें अब समाज में कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे में उन सभी 16,000 कन्याओं ने श्रीकृष्ण से कहा कि वो कुछ ऐसा करें जिससे उन सभी को समाज में फिर से सम्मान प्राप्त हो सके। इसके लिए श्रीकृष्ण ने सभी कन्याओं से विवाह कर लिया। इसमें सत्यभामा ने भी श्रीकृष्ण की मदद की थी। मान्यता है कि 16,000 कन्याओं को बंधन मुक्त कराने और नरकासुर का वध करने के उपलक्ष्य में ही नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई थी।

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