धर्म-अध्यात्म

जानिए मकर संक्रांति के दिन क्यों उड़ाई जाती है पतंग, पढ़ें इसके पीछे की कहानी

Triveni
14 Jan 2021 4:35 AM GMT
जानिए मकर संक्रांति के दिन क्यों उड़ाई जाती है पतंग, पढ़ें इसके पीछे की कहानी
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मकर संक्रांति का पर्व है. इस दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है. साथ ही लोग मकर संक्रांति पर पतंग भी उड़ाते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेसक | मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) का पर्व है. इस दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है. साथ ही लोग मकर संक्रांति पर पतंग भी उड़ाते हैं. पतंग उड़ाना इस त्योहार की एक खास परंपरा है. हर कोई इस दिन पतंग उड़ाता है. लेकिन क्या आपको पता है मकर संक्रांति पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं-

पतंग उड़ाने की पौराणिक कहानी
माना जाता है कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम के समय में शुरू हुई थी. मकर संक्रांति के दिन ही श्री राम ने पतंग उड़ाई थी और वो पतंग इन्द्रलोक में चली गई थी. स्वर्ग लोक में पतंग इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी को मिली. उनको पतंग काफी पसंद आई और उसको अपने पास रख लिया. जयंत की पत्नी ने सोचा की जिसकी पतंग है, वह इसे लेने के लिए जरूर आएगा. उधर भगवान राम ने हनुमान जी को पतंग लाने के लिए भेजा. जब हनुमानजी ने जयंत की पत्नी से पतंग वापस करने के लिए कहा, तो जयंत की पत्नी ने भगवान राम के दर्शन पाने की इच्छा जताई. हनुमान ने भगवान राम को पूरा बात बताई.
इस पर भगवान राम ने कहा कि वह चित्रकूट में उनके दर्शन कर सकती हैं. हनुमान जी ने भगवान राम का संदेश जयंत को भेजा. जिसके बाद जयंत की पत्नी ने हनुमान जी को पतंग लौटा दी. भगवान राम की ओर से शुरू की गई इस परंपरा को आज भी निभाया जाता है.
शुभ कार्यों की शुरूआत
मकर संक्रांति के इस पर्व से ही शुभ कार्यों की शुरूआत होती है क्योंकि मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तर की ओर गमन करने लगता है. ऐसे में शुभता की शुरूआत का जश्न मनाने के लिए पतंग का सहारा लिया जाता है. वैसे भी पतंग को शुभता, आजादी व खुशी का प्रतीक माना जाता है.


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