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पूजा-पाठ, अनुष्ठान, गृह प्रवेश जैसे धार्मिक कार्यों में नारियल का विशेष महत्व होता है. इन शुभ मौकों पर कलश स्थापना (Kalash Sthapana) की जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूजा-पाठ, अनुष्ठान, गृह प्रवेश जैसे धार्मिक कार्यों में नारियल का विशेष महत्व होता है. इन शुभ मौकों पर कलश स्थापना (Kalash Sthapana) की जाती है और कलश के ऊपर नारियल जरूर रखा जाता है. खासकर नवरात्रि के मौके पर कलश स्थापना का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. नवरात्रि में सभी घरों मे कलश स्थापना की जाती है. हिंदू धर्म में कलश स्थापना को बेहद शुभ माना जाता है. किसी भी शुभ व मागंलिक कार्य की शुरुआत में कलश स्थापना की जाती है.
धार्मिक शास्त्र में कलश को सुख-समृद्धि और मंगल कार्य का प्रतीक माना जाता है. लेकिन नारियल के बगैर कलश स्थापना अधूरी होती है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं कलश स्थापना में क्या है नारियल का महत्व और क्यों कलश के ऊपर रखा जाता है नारियल?
कलश में नारियल रखने का महत्व
नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार नारियल में त्रिदेवों का वास भी होता है. कलश के ऊपर नारियल रखने से शुभ कार्य में त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं. नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर और कच्चा सूता या कलावा बांधकर कलश के ऊपर रखना चाहिए.
इस नियम से कलश पर रखें नारियल
"अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय, ऊर्धवस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै।
प्राचीमुखं वित विनाशनाय, तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीलेलंष्।"
इस श्लोक में बताया गया है कि नारियल को कलश में कैसे रखना चाहिए. इसके अनुसार कलश स्थापना में नारियल रखते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि नारियल का मुख पूजा करने वाले व्यक्ति की तरफ हो.
जिस ओर नारियल पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है, वह मुख जातक की ओर होना चाहिए. कभी भी नारियल का मुख नीचे की ओर नहीं होना चाहिए. कलश पर विधि-विधान और सही नियम से नारियल रखने और कलश स्थापना करने से ही पूजा सफल होती है.
Tara Tandi
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