धर्म-अध्यात्म

जानिए क्यों दिवाली से पहले मनाई जाती है छोटी दिवाली, ये है इसके पीछे की पौराणिक कथाएं

Triveni
6 Nov 2020 9:49 AM GMT
जानिए क्यों दिवाली से पहले मनाई जाती है छोटी दिवाली, ये है इसके पीछे की पौराणिक कथाएं
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हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल दिवाली का पर्व 14 नवंबर यानी शनिवार के दिन पड़ रहा है. हर साल दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल दिवाली का पर्व 14 नवंबर यानी शनिवार के दिन पड़ रहा है. हर साल दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस दिन को नरक चतुर्दशी या काली चौदसी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भी दिवाली की ही तरह दीप जलाए जाते हैं. इस साल नरक चतुर्दशी 14 नवंबर यानी दिवाली वाले दिन ही मनाई जाएगी. इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं हैं

एक कथा के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया. प्रचलित कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था. इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा. नरकासुर का वध किसी स्त्री के हाथों ही हो सकता था इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बना लिया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध किया

नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था. नरकासुर का वध करके श्री कृष्ण ने कन्याओं को बंधन मुक्त करवाया. इन कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा इसलिए वह कोई ऐसा उपाय करें जिससे उन्हें फिर से समाज में सम्मान प्राप्त हो

समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए सत्यभामा के सहयोग से श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया. नरकासुर का वध और 16 हजार कन्याओं के बंधन मुक्त होने के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई

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