धर्म-अध्यात्म

जानें क्यों भगवान शिव की पूजा में किया जाता है बिल्वपत्र का इस्तेमाल

Kajal Dubey
22 Nov 2021 2:07 AM GMT
जानें क्यों भगवान शिव की पूजा में किया जाता है बिल्वपत्र का इस्तेमाल
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सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टो से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामना पूरी होती है. शिव सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. इस दिन भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल चढ़ाना चाहिए. साथ ही इस दिन शिव जी पर खास तौर से चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाने चाहिए. ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने पर भोलेनाथ खुश होकर अपनी कृपा बरसाते हैं. सोमवार के दिन भगवान शिव को घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. भगवान शिव को बिल्वपत्र बहुत प्रिय है. भोलेनाथ को जल चढ़ाते समय बेलपत्र भी चढ़ाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि क्यों भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र का इस्तेमाल किया जाता है.

-बिल्वपत्र के वृक्ष में मां लक्ष्मी का वास होता है. कहते हैं कि इसकी पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और बेलपत्र के वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर निरंतर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
-बेलपत्र के वृक्ष को घर में लगाने या उसके प्रतिदिन दर्शन करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. घर में बिल्वपत्र का वृक्ष होने पर परिवार के सभी सदस्य कई प्रकार के पापों से मुक्त हो जाते हैं.
-रविवार और द्वादशी तिथि पर बिल्वपत्र के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व होता है. इस दिन पूजन करने से मनुष्य ब्रम्ह हत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है. इसके प्रभाव से यश और सम्मान मिलता है.
-बिल्वपत्र का वृक्ष घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में होने से यश बढ़ता है. वहीं उत्तर-दक्षिण दिशा में होने से सुख शांति बढ़ती है. वहीं अगर यह वृक्ष निवास स्थान के मध्य में हो तो जीवन में मधुरता आती है.
-कहते हैं कि यदि कोई शव बिल्वपत्र के पेड़ की छाया से होकर श्मशान ले जाया जाता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा बिल्वपत्र के पेड़ को नियमित रूप से जल चढ़ाने पर पितरों को तृप्ति मिलती है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
-वहीं वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए बि‍ल्वपत्र के वृक्ष का महत्व है. यह अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाए रखता है. घर के आसपास बिल्वपत्र का पेड़ होने पर वहां सांप या विषैले जीवजंतु भी नहीं आते हैं.
-ऐसा माना जाता है कि बिल्वपत्र का पेड़ लगाने से वंश में वृद्धि होती है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस वृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
-मान्यता है कि जिस स्थान पर बिल्वपत्र का वृक्ष होता है, वह काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र हो जाता है. उस जगह अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस वृक्ष को काटना पाप माना जाता है, जिससे वंश का नाश होता है.





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