धर्म-अध्यात्म

Ram Katha: राम कथा सुनने का सौभाग्य सबसे पहले किसे प्राप्त हुआ जानिए

Kavita2
21 Jun 2024 10:35 AM GMT
Ram Katha: राम कथा सुनने का सौभाग्य सबसे पहले किसे प्राप्त हुआ जानिए
x
Ram Katha: श्रीरामचरितमानस और रामायण हिंदू धर्म ramayana hindu religionके 2 प्रमुख ग्रंथ है। इन दोनों ही ग्रंथों में भगवान श्री राम के सम्पूर्ण जीवन का वर्णन मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि राम कथा सुनने मात्र से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्वप्रथम राम कथा किसने और कैसे सुनी थी।
देवी-देवताओं Gods and Goddessesके अलावा सर्वप्रथम राम कथा सुनने का सौभाग्य किसी मानव को नहीं बल्कि एक कौए को प्राप्त हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब एक बार भगवान शिव राम कथा माता पार्वती को सुना रहे थे, तो उस समय वहां एक कौवा भी मौजूद था, जिसने वह राम कथा सुनी। उसी कौए का अगला जन्म काकभुशुण्डि के रूप में हुआ और उसे पिछले जन्म में शिव जी के मुख से सुनी हुई संपूर्ण राम कथा कण्ठस्थ थी।
काकभुशुण्डि Kakabhushundi के रूप में उसने यह कथा गिद्धराज गरुड़ को भी सुनाई। इसी प्रकार राम कथा का प्रचार-प्रसार होता गया। ऐसा कहा जाता है कि वाल्मीकि के रचना करने से पहले ही काकभुशुण्डि ने गरुड़ जी को राम कथा सुना दी थी। बता दें, कि भगवान शिव के मुख से निकली राम कथा को ‘अध्यात्म रामायण’ के नाम से जाना जाता है।
कौन थे काकभुशुण्डि Who was Kakabhushundi
ग्रंथों में वर्णित कथा Story told in the scriptures
के अनुसार, लोमश ऋषि के श्राप के कारण काकभुशुण्डि, कौवा बन गए। जब ऋषि को अपने दिए हुए श्राप पर पश्चाताप हुआ तब उन्होंने उस कौए को राम मंत्र और इच्छामृत्यु का वरदान भी दिया। राम जी की भक्ति प्राप्त होने के बाद काकभुशुण्डि Kakabhushundiको अपने कौए के शरीर से प्रेम हो गया और उन्होंने अपना पूरा जीवन एक कौए के रूप में ही राम जी की भक्ति करते हुए बीताया।
Next Story