धर्म-अध्यात्म

जानिए किस दिन कौन-कौन से कार्य नहीं करना चाहिए

Tara Tandi
24 July 2022 9:25 AM GMT
जानिए  किस दिन कौन-कौन से कार्य नहीं करना चाहिए
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज साल 2022 के जुलाई महीने का चौथा और सावन महीने का दूसरा रविवार है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। भगवान सूर्य का दिन होने के कारण रविवार को भागवान सूर्य की उपासना बेहद ही पुण्यकारक माना जाता है। भगवान श्री सूर्य को हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है। हिरण्यगर्भ यानी जिसके गर्भ में ही सुनहरे रंग की आभा है। भगवान श्री सूर्य देव आदि कहे जाते हैं।

सूर्य भगवान की उपासना से घन के साथ-साथ मान-सम्मान में भी होती है वृद्धि
भगवान सूर्य की उपासना से कीर्ति, यश,सुख,समृद्धि,धन, आयु, आरोग्य,ऐश्वर्य,तेज,कांति,विद्या,सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है। भगवान सूर्य संकटों से रक्षा भी करते हैं। अगर आपका काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो इसके ल‍िए परेशान होने की बात नहीं है। या फिर काम बनते ही नहीं हैं तो समझ लें क‍ि आपका सूर्य कमजोर है।
ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो हर ग्रह की अपनी-अपनी खासियत है। शास्त्रों (Shastra) में यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि कौन सा ग्रह मनुष्य को कैसा फल प्रदान कर सकता है। इसलिए हमें यह मालूम होना चाहिए कि हमें किस दिन कौन-कौन से कार्य नहीं करना चाहिए।
अगर कोई भी इन समस्‍याओं से जूझ रहा हो तो उसे अपने सूर्य ग्रह को मजबूत करने की जरूरत है। लेक‍िन इसके ल‍िए रव‍िवार को कुछ खास उपाय करने की जरूरत है। सुबह उठते ही स्नान करना है तो सूर्य (Surya) दर्शन करके स्नान करें।
रविवार को जरूर करें यह काम (Raviwar Ke Upay)
घर में अगर झगड़ें होते हैं तो ॐ सूर्याय नम: मंत्र का मन ही मन जाप जरूर करें।
मान्यता है कि रविवार के दिन काले कुत्ते को रोटी, काली गाय को रोटी और काली चिड़िया को दाना डालने से जीवन में आ रही रुकावटें धीरे-धीरे दूर होने लगती है।
कहा जाता है कि रविवार के दिन तेल से बने पदार्थ किसी गरीब व्यक्ति को खिलाने से शनि देव प्रसन्न रहते हैं।
धन-धान्य में वृद्धि के लिए रविवार की रात सोते समय एक गिलास दूध अपने सिरहाने रख दें और सोमवार को सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान करने के पश्चात उस दूध को बबूल के पेड़ की जड़ में अर्पित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होने लगती हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रविवार का दिन सूर्य देव का दिन है। इस दिन भगवान भास्कर का व्रत करने से पद-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी तो होती ही है। इसके अलावा नेत्र और चर्म रोगों से मुक्ति भी मिलती है।
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