धर्म-अध्यात्म

जानिए किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए निर्जल व्रत

Renuka Sahu
22 Oct 2021 2:07 AM GMT
जानिए किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए निर्जल व्रत
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फाइल फोटो 

24 अक्टूबर को करवाचौथ का त्योहार है. हर साल ये त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 24 अक्टूबर को करवाचौथ का त्योहार है. हर साल ये त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जल और निराहार व्रत रखती हैं. शाम को शिव परिवार का पूजन करती हैं, इसके बाद चंद्र दर्शन करके अर्घ्य देती हैं, फिर पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. वास्तव में करवाचौथ व्रत का उद्देश्य पति और पत्नी के संबन्ध को मधुर बनाना है.

व्रत के दौरान पति के लिए भूखी और प्यासी रहकर पत्नी अपना समर्पण दिखाती है और पति व्रत खोलते समय अपने हाथों से पानी पिलाकर अपने प्रेम को जाहिर करता है. महिलाएं वर्षों से इस व्रत को इसी तरह रखती आ रही हैं, लेकिन कभी इसके पीछे के उद्देश्य को समझने की कोशिश नहीं की. इसे सिर्फ एक रीति बना लिया, जिसे बस हर हाल में निभाना है. लेकिन कोई भी रीति जो आपको या आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाए, उसे उसे छोड़ना ही हितकर होता है. तमाम महिलाओं को सेहत से जुड़ी ऐसी समस्याएं होती हैं, जिनमें लंबे समय तक भूखा और प्यासा रहना ठीक नहीं माना जाता. ऐसे में रीति के नाम पर इस व्रत को जबरन रखने से उनकी परेशानी बढ़ सकती है.
इन तीन लोगों को नहीं रखना चाहिए करवाचौथ व्रत
डायबिटीज
एक समय था, जब ये बीमारी बुजुर्गों को हुआ करती थी, लेकिन आज के समय में ये किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है. ऐसी तमाम महिलाएं हैं, जो डायबिटीज की रोगी होने के बाद भी करवाचौथ का व्रत रखती हैं. लेकिन ऐसा करने से परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए देर तक भूखा या प्यासा रहना ठीक नहीं होता. लंबे समय तक भूखे रहने से ब्लड शुगर का स्तर घट या बढ़ सकता है. जिससे हाइपोग्लाइसेमिया या हाइपरग्लाइसेमिया का खतरा हो सकता है. डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं को ये व्रत नहीं रहना चाहिए. अगर रहना भी है, तो विशेषज्ञ के निर्देशानुसार ही रहें.
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है. साथ ही उसके बच्चे का विकास भी उसी के जरिए होता है. ऐसे में व्रत रखने से महिला और बच्चे ​दोनों के लिए समस्या पैदा हो सकती है. पहली और तीसरी तिमाही में तो व्रत रखना ज्यादा खतरनाक माना जाता है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक है, तो विशेषज्ञ दूसरी तिमाही में आपको कुछ निर्देशों के साथ व्रत रखने की अनुमति दे सकते हैं. ऐसे में विशेषज्ञ के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें. रीति के चक्कर में खुद के या बच्चे के लिए जोखिम की स्थिति पैदा न करें.
असंतुलित ब्लड प्रेशर
कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर असंतुलित होता है, जो कभी बढ़ जाता है तो कभी घट जाता है. ऐसे लोगों को भी करवाचौथ का व्रत न रखने की हिदायत दी जाती है. लंबे समय तक भूखे रहने से ऐसी महिलाओं के ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि इनका बीपी खानपान और दवाओं के भरोसे नियंत्रित रहता है. इसलिए कोशिश करें कि व्रत न रहें और अगर रखना ही है तो खाती पीती रहें. विशेषज्ञ के निर्देशों का पालन करें.


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