धर्म-अध्यात्म

जानिए तिथियों के हिसाब से कौन सी देवी की किस दिन होगी पूजा

Ritisha Jaiswal
2 April 2022 12:35 PM GMT
जानिए तिथियों के हिसाब से कौन सी देवी की किस दिन होगी पूजा
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चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष शुरू होता है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि का पर्व भी शुरू हो गया है।

चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष शुरू होता है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि का पर्व भी शुरू हो गया है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का काफी अधिक महत्व है। चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूप क्रमश: मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। वहीं नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने का भी विधान है। जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

मेदिनी ज्योतिष में मां दुर्गा के वाहनों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके आधार से वार के हिसाब से मां के वाहन का निर्णय होता है। इस बार शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है तो इसलिए घोड़े में सवार होकर मां धरती में आएंगी जो राज परिवर्तन का संकेत देता है। वहीं भैंसे में सवार होकर वापस जाएगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 2 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 58 पर समाप्त
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त- 2 अप्रैल सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक
अवधि - करीब 2 घंटे 09 मिनट
अभिजीत मुहूर्त - 2 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर 2 अप्रैल सुबह 06 बजकर 10 तक
घटस्थापना की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहन लें। इसके बाद पूजा घर या फिर किसी साफ स्थान में कलश स्थापना और मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करना चाहिए। सबसे पहले उस जगह को गंगाजल से पवित्र कर लें। इसके बाद पवित्र मिट्टी में जौ या फिर सात तरह के अनाज मिला लें। अब कलश लें और उसमें स्वास्तिक का चिन्ह बना दें और उसके मुंह में 5 बार घुमाते हुए कलावा/मौली बांध दें। अब इसमें थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर पानी भर दें और मिट्टी के ऊपर स्थापित कर दें। इसके बाद आम के पांच पत्तों को रखकर मिट्टी का ढक्कन रख दें और उसमें गेहूं चावल आदि भर दें। इसके बाद लाल रंग कपड़े में नारियल को लपेटकर कलावा से बांध दें और कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद भगवान गणेश, मां दुर्गा के साथ अन्य देवी-देवताओं, नदियों आदि का आवाहन करें। इसके बाद फूल, माला, अक्षत, रोली क्रमश चढ़ाएं। फिर पान में सुपारी, लौंग, इलायची, बाताशा रखकर चढ़ा दें। इसके बाद भोग लगाएं और जल अर्पित कर दें। फिर धूप-दीपक ,कपूर जलाकर कलश और मां दुर्गा की आरती कर लें। इसके साथ ही एक घी का दीपक लगातार 9 दिनों तक जलने दें। इसके बाद मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा आरंभ करें। इसी तरह पूरे नौ दिनों तक कलश की पूजा जरूर करें।
जानिए तिथियों के हिसाब से कौन सी देवी की किस दिन होगी पूजा
2 अप्रैल 2022, शनिवार - चैत्र नवरात्रि प्रारंभ,घटस्थापना
3 अप्रैल 2022, रविवार- - चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी
4 अप्रैल 2022, सोमवार - चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा
5 अप्रैल 2022, मंगलवार- चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा
6 अप्रैल 2022, बुधवार - चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता
7 अप्रैल 2022, गुरुवार - चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी
8 अप्रैल 2022, शुक्रवार- चैत्र नवरात्रि का सातवें दिन मां कालरात्रि
9 अप्रैल 2022, शनिवार- चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी
10 अप्रैल 2022, रविवार- चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन में मां सिद्धिदात्री
11 अप्रैल 2022, सोमवार - चैत्र नवरात्रि की दशमी तिथि को पारण


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