धर्म-अध्यात्म

मकर संक्रांति के दिन देश में और, कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं जानें

Kajal Dubey
11 Jan 2022 3:41 PM GMT
मकर संक्रांति के दिन देश में और, कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं जानें
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सूर्यदेव के धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को है।

सूर्यदेव के धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को है। हालांकि, तिथि को लेकर कुछ मतभेद है। कई जगहों पर 14 जनवरी को तो कुछ जगहों पर 15 जनवरी को मनाई जा रही है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है। साथ ही खरमास का महीना भी समाप्त होता है। इसके लिए मकर संक्रांति का त्योहार का विशेष महत्व है। इस अवसर पर देश के कई हिस्सों में अन्य त्योहार भी मनाए जाते हैं। इनमें पोंगल, बिहू और खिचड़ी आदि प्रमुख हैं। आइए, इन त्योहारों के बारे में जानते हैं-

बिहू
भारत के असम में मकर संक्रांति के मौके पर बिहू मनाई जाती है। यह पर्व नए फसल के तैयार होने की ख़ुशी में मनाया जाता है। इसे माघ बिहू भी कहा जाता है। इसके एक दिन पूर्व उरुका पर्व मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करते हैं और धान की पुआल से अस्थाई छावनी बनाते हैं। इस घर को भेलाघर कहा जाता है। उरुका की रात्रि में भोज का आयोजन किया जाता है। भेलाघर के पास चार बांस लगाकर उस पर पुआल एवं लकड़ियां रखी जाती हैं। माघ बिहू के दिन स्नान ध्यान कर मेजी जलाकर बिहू की शुरुआत करते हैं। मेजी जलने के बाद उसके रख को खेत में छिड़का जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। असम के लोग माघ बिहू को हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं।
पोंगल
दक्षिण भारत में नवीन फसल तैयार होने की ख़ुशी में पोंगल का त्योहार मनाते हैं। इस पर्व के दौरान लोग भगवान से आगामी फसल के अच्छे होने की प्रार्थना करते हैं। इस मौके पर सूर्य, इन्द्रदेव, वर्षा, धूप और खेतिहर मवेशियों की पूजा-उपासना की जाती है। यह पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। खेतिहर पशुओं को नहला-धुलाकर सजाया जाता है। साथ ही कृषि में प्रयोग आने वाले सभी उपकरणों की भी पूजा जाती है। चौथे दिन मां काली की पूजा की जाती है।
खिचड़ी
मकर संक्रांति के मौके पर देश के कई जगहों पर खिचड़ी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से आरोग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी दुःख और क्लेश दूर हो जाते हैं। खिचड़ी उड़द दाल और चावल से बनाई जाती है। साथ ही कई अन्य पदार्थों को मिलाया जाता है। उड़द दाल का संबंध शनिदेव से है और हल्दी का गुरु से संबंध है। साथ ही हरी सब्जियों का संबंध बुध और घी का संबंध सूर्य से है। जबकि चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। अतः खिचड़ी खाने से सभी दोष दूर हो जाते हैं।
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