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- संकष्टी व्रत के दिन...
हिंदू धर्म मे भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है जिसका अर्थ है सभी परेशानियों को दूर करने वाला। भगवान गणेश को सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा जाता है। कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सारे रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं। कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और सारे विघ्न दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है।
आइए जानते हैं संकष्टी व्रत करने की सम्पूर्ण विधि-
1. भगवान गणेश की पूजा करने के लिए एक छोटे चौकी पर लाल या पीले रंग के वस्त्र बिछा लें और उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित कर लें।
2. व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद भगवान गणेश का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।जिसके बाद रोली, अक्षत और हाथों में फूल लेकर मंत्रों का जाप करें।
3. संकष्टी व्रत की मुख्य पूजा संध्या काल मे होती है। रात में भगवान गणेश की विधिवत पूजा करके चंद्रमा के दर्शन करना चाहिए जिसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य चढ़ाए और व्रत या पूजा के समय भूल से हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना कर लें।
4. इस दिन चतुर्थी व्रत कथा पाठ करना बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन चतुर्थी व्रत का कथा का पाठ करना बेहद फलदायी साबित होता है।