धर्म-अध्यात्म

जानिए क्या सच में कार्तिकेय का दर्शन करना महिलाओं के लिए अभिशाप है, दर्शन किए तो सात जन्म तक विधवा रहेगी

Usha dhiwar
28 Jun 2024 5:11 AM GMT
जानिए क्या सच में कार्तिकेय का दर्शन करना महिलाओं के लिए अभिशाप है, दर्शन किए तो सात जन्म तक विधवा रहेगी
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कार्तिकेय का दर्शन करना महिलाओं के लिए: It is good for women to visit Kartikeya

भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी होती है, लेकिन स्त्रियों के लिए ये दर्शन निषेद है। ये कहना है श्रीमनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी का। महंत योगेश पुरी ने बताया कि भगवान कार्तिकेय ब्रह्मचर्य व्रती थे, जिसके कारण स्त्रियों का दर्शन निषेद माना गया है। कहा ये जाता है, स्त्री दर्शन करेंगी तो सात जन्म विधवा रहेगी।
ये है जन्म की कहानी
जब पिता दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव की पत्नी ‘सती’ कूदकर भस्म हो गईं, तब शिवजी विलाप करते हुए गहरी तपस्या में लीन हो गए Then Lord Shiva started lamenting and got immersed in deep meditation. उनके ऐसा करने से सृष्टि शक्तिहीन हो जाती है। इस मौके का फायदा दैत्य उठाते हैं और धरती पर तारकासुर नामक दैत्य का चारों ओर आतंक फैल जाता है। देवताओं को पराजय का सामना करना पड़ता है। चारों तरफ हाहाकार मच जाता है तब सभी देवता ब्रह्माजी से प्रार्थना करते हैं। तब ब्रह्माजी कहते हैं कि तारक का अंत शिव पुत्र करेगा।
इंद्र और अन्य देव भगवान शिव के पास जाते हैं, तब भगवान शंकर ‘पार्वती’ के अपने प्रति अनुराग की परीक्षा लेते हैं He tests Anurag's love और पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होते हैं और इस तरह शुभ घड़ी और शुभ मुहूर्त में शिवजी और पार्वती का विवाह हो जाता है। इस प्रकार कार्तिकेय का जन्म होता है।कार्तिकेय तारकासुर का वध करके देवों को उनका स्थान प्रदान करते हैं। पुराणों के अनुसार षष्ठी तिथि को कार्तिकेय भगवान का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है।

ये श्राप था की:- It was a curse that

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार प्रथम पूज्य देव होने की प्रतियोगिता Competitionछोटे भाई गणेश के जीत जाने पर गुस्से में भगवान शिव व देवी पार्वती के बड़े पुत्र कार्तिकेय तपस्या करने क्रांउस पर्वत पर चले गए थे। जब उन्हें मनाने के लिए ढूंढ़ते हुए जब शिव-पार्वती पहुंचे तो कुमार कार्तिकेय ने शाप दिया था कि स्त्री दर्शन करेंगी तो सात जन्म वह विधवा रहेंगी। शंकर-पार्वती ने आग्रह किया कि कोई ऐसा दिन हो जब आपके दर्शन हो सकें। तब कार्तिकेय का गुस्सा शांत हुआ, और उन्होंने सिर्फ एक दिन अपने भक्तों को दर्शन के लिए निर्धारित किया। कुमार कार्तिकेय ने कहा कि जन्म के दिन पूर्णिमा को जो दर्शन करेगा, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस कारण ही उनके दर्शन साल में एक बार ही होते हैं।
कुमार कार्तिकेय ने कहा कि जन्म के दिन पूर्णिमा को जो दर्शन करेगा, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।


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