धर्म-अध्यात्म

जानिए पन्ना रत्न कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए

Tara Tandi
22 Jun 2022 8:41 AM GMT
जानिए पन्ना रत्न कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए
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रत्न विज्ञान में 84 रत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। इन 9 रत्नों में 5 ही प्रमुख रत्न माने गए हैं। जिसमें पन्ना, मूंगा, पुखराज, मोती और माणिक्य हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रत्न विज्ञान में 84 रत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। इन 9 रत्नों में 5 ही प्रमुख रत्न माने गए हैं। जिसमें पन्ना, मूंगा, पुखराज, मोती और माणिक्य हैं। यह रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं पन्ना रत्न के बारे में। इसे संस्कृत में मर्कत, हिंदी में पन्ना, मराठी में पांचू, बांग्ला में पाना और अंग्रेजी में एमराल्ड कहा जाता है। साथ ही इस रत्न का संबंध ज्योतिष में व्यापार के दाता बुध ग्रह से माना जाता है।

आपको बता दें कि पन्ना रत्न को पहनने से बिजनेस में बढ़ोतरी होने की मान्यता है। साथ ही यह रत्न छात्रों के लिए ये काफी फलदायी माना जाता है। कहते हैं इसके प्रभाव से बुद्धि प्रखर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। जानिए पन्ना रत्न कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए।
पन्ना धारण करने से मिलते हैं ये लाभ:
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक इस रत्न को धारण से बिजनेस में लाभ प्राप्त होने लगता है। साथ ही जिन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है या जिन्हें शीघ्र भूल जाने की आदत होती है उनके लिए भी ये रत्न शुभ माना गया है। वहीं जिन लोगों को नेत्र रोग हैं वो लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं। साथ ही जो लोग तोतले या उनका उच्चारण सही नहीं होता है, ऐसे लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं। क्योंकि वाणी से संबंधित रोग बुध देव ही देते हैं और पन्ना रत्न बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व कहता है। वहीं जो लोग मीडिया और फिल्म लाइन से जुड़े हुए हैं वो लोग भी पन्ना पहन सकते हैं। वहीं जिन लोगों को व्यापार में सक्सेस नहीं मिल पा रही हो, वो लोग भी अपनी जन्मकुंडली का विश्लेषण कराकर पन्ना पहन सकते हैं।
इन राशि के लोग धारण कर सकते है पन्ना:
ज्योतिष के अनुसार मिथुन और कन्या वालों को ये रत्न काफी लकी साबित होता है। क्योंकि इन राशियों के स्वामी बुध ग्रह ही है। लेकिन किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इसे धारण करें। इसके अलावा पन्ना वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातक भी पहन सकते हैं। लेकिन मेष, कर्क और वृश्चिक वालों को पन्ना बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए। अगर किसी जातक की कुंडली में जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, 12वें भाव में सकारात्मक स्थित हैं तो भी ये रत्न धारण किया जा सकता है। कुंडली में अगर बुध अगर नीच का स्थित है तो यह रत्न धारण नहीं करना चाहिए। क्योंकि नीच का रत्न लाभ की जगह नुकसान देता है।धारण करने की सही विधि:
रत्न विज्ञान अनुसार पन्ना रत्न को चांदी में या सोने की अंगूठी में जड़वाकर हाथ की सबसे छोटी उंगली (कनिष्ठा) में बुधवार के दिन पहन सकते हैं। इसे सूर्योदय से लगभग 10 बजे तक धारण किया जा सकता है। वैसे पन्ना सोने में धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। पन्ना कम से कम सवा 7 कैरेट का होना चाहिए। पन्ना धारण करने से पहले उसे एक रात के लिए गंगाजल, शहद, मिश्री व दूध के घोल में डुबोकर रख दें। जिससे उसका शुद्धिकरण हो जाए। उसके बाद बुधवार के दिन सुबह इसे निकाल कर धूप दीप दिखाएं और ऊं बुं बुधाय नमः मंत्र का 108 बार जाप कर धारण कर लें और बुध ग्रह से जुड़ा दान किसी मंदिर के पुजारी को दे आएं।
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