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मासिक कालाष्टमी (Masik Kalashtami) व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मासिक कालाष्टमी (Masik Kalashtami) व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. आज से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का प्रारंभ हुआ है. आषाढ़ कृष्ण पंचमी को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा. कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान शिव के अवतार बाबा काल भरैव की पूजा करते हैं. वे ही महाकाल स्वरूप में उज्जैन में विराजमान हैं, तो शिव नगरी काशी में काल भैरव वहां के कोतवाल हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मासिक कालाष्टमी व्रत कब है और पूजा का मुहूर्त क्या है?
कालाष्टमी व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 जून दिन सोमवार को रात 09 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 21 जून मंगलवार को रात 08 बजकर 30 मिनट पर हो रहा है.
बाबा काल भैरव तंत्र मंत्र के देवता है, इसलिए इनकी पूजा रात्रि प्रहर में होती है. इस आधार पर रात्रि प्रहर की पूजा का मुहूर्त 20 जून को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में आषाढ़ माह की कालाष्टमी व्रत 20 जून को है.
कालाष्टमी व्रत 2022 मुहूर्त
कालाष्टमी व्रत वाले दिन प्रात:काल से ही प्रीति योग बना हुआ है, जो सुबह 08 बजकर 28 मिनट तक है. उसके बाद से आयुष्मान योग शुरु हो जाएगा. प्रीति और आयुष्मान दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने गए गए हैं.
इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है. इस मुहूर्त में भी आप शुभ कार्य कर सकते हैं. इस दिन का राहुकाल सुबह 07 बजकर 08 मिनट से सुबह 08 बजकर 53 मिनट तक है.
इस दिन पंचक पूरे दिन है. भद्रा सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 09 बजकर 34 मिनट तक है. भद्रा में शुभ कार्य वर्जित होते हैं.
बाबा काल भैरव की पूजा
कालाष्टमी व्रत के दिन बाबा काल भैरव की विधि विधान से पूजा करते हैं. इस दिन आप पूजा के समय भैरव स्तोत्र, भैरव चालीसा आदि का पाठ कर सकते हैं. इनका पाठ करने से बाबा भैरव नाथ प्रसन्न होंगे. जिन पर उनकी कृपा होती है, उनके दुख, रोग, दोष, कष्ट आदि सब दूर हो जाते हैं.
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