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चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जानते हैं।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जानते हैं। शीतला अष्टमी होली के आठ दिन बाद मनाई जाती है। इस साल शीतला अष्टमी का त्योहार 25 मार्च, 2022 को मनाया जाएगा। शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। माता शीतला को भोग लगाने के लिए एक दिन पहले ही भोग तैयार कर लिया जाता है।
शीतला अष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त-
शीतला अष्टमी 25 मार्च 2022 शुक्रवार को है। शीतला अष्टमी पूजन मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से शाम 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 12 घंटे 12 मिनट की है।
अष्टमी तिथि प्रारंभ-
25 मार्च 2022 को अष्टमी तिथि दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से शुरू होगी और रात 10 बजकर 04 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होगी।
शीतला अष्टमी 2022 महत्व-
शीतला अष्टमी के दिन विधि पूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से मां शीतला प्रसन्न होती हैं। माता शीतला के व्रत से शरीर निरोगी होता है। स्किन से जुड़े रोग और चेचक जैसी बीमारियों से मां शीतला भक्तों की रक्षा करती हैं। माता शीतला की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को कई तरह के संतापों से मुक्ति मिलती है।
शीतला अष्टमी पूजा विधि-
माता शीतला की पूजा-अर्चना में स्वच्छता/पवित्रता का विशेष महत्व है। व्रत के दिन प्रात: उठकर स्नान करने के बाद तैयार होकर मां शीतला की पूजा करना चाहिए। इसके साथ ही व्रत का संकल्प लेकर व्रत शुरू किया जाता है। व्रत के दौरान फलाहार किया जाता है। शाम को शीतला माता की पूजा-आरती के बाद व्रत का पारण किया जाता है और फिर व्रती प्रसाद गृहण करता है। इस दिन लोग पास के शीतला माता मंदिर में दर्शन, पूजा के लिए भी जाते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के कारण अधिकांश मंदिरों/धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है।
Ritisha Jaiswal
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