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सनातन धर्म
सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है। लेकिन नारद जयंती का त्योहार बेहद ही खास माना जाता है। जो भगवान नारद की पूजा आराधना के लिए उत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार नारद जयंती का पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है।
इस साल नारद जयंती 6 मई को पड़ रही है। इस दिन भक्त भगवान नारद की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नारद जी को भगवान विष्णु का परम भक्त माना जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा नारद जी की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।Narad jayanti 2023 date puja vidhi and significance नारद जयंती पूजन विधि—
आपको बता दें कि नारद जयंती के पवित्र दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान श्री सूर्यदेव को जल अर्पित करें। फिर घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें इसके बाद गंगाजल का छिड़काव करके स्थान को पवित्र करें। फिर भगवान का ध्यान करते हुए व्रत पूजन का संकल्प करें।
इसके बाद भगवान श्री नारद जी की विधिवत पूजा करें प्रभु को पूजन की सभी सामग्री अर्पित कर धूप दीपक दिखाएं और भोग चढ़ाकर नारद जी की कथा का पाठ करें अंत में भगवान की आरती करें और अपनी प्रार्थना कहें। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ साथ गरीबों व जरूरतमंदों को दान देना भी उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी देवताओं की कृपा बरसती है।
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