धर्म-अध्यात्म

जानिए कब है कृष्ण जन्‍माष्‍टमी

Ritisha Jaiswal
23 Aug 2021 12:17 PM GMT
जानिए कब है कृष्ण जन्‍माष्‍टमी
x
सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाले अहम त्‍योहार रक्षाबंधन के बाद अब जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami 2021) का पर्व नजदीक है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाले अहम त्‍योहार रक्षाबंधन के बाद अब जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami 2021) का पर्व नजदीक है. भाद्रपद महीने की कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्‍ण जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन आधी रात को भगवान का जन्‍म हुआ था. इस साल यह पर्व 30 अगस्त 2021, सोमवार को मनाया जाएगा. इस मौके पर पूरे देश में धूमधाम से भगवान श्रीकृष्‍ण (Lord Shri Krishna) का जन्‍मोत्‍सव मनाया जाएगा. मंदिरों में सजावट होती है और घरों में भी झूले सजाकर, पंजीरी का भोग लगाकर भगवान की पूजा की जाती है.

जन्‍माष्‍टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
अष्‍टमी तिथि 29 अगस्‍त की रात 11:25 से 30 अगस्‍त की रात 01:59 तक रहेगी. वहीं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Janmashtami Puja Shubh Muhurat) 30 अगस्त की रात 11:59 से देर रात 12.44 मिनट तक रहेगा. पूजा के लिए अवधि केवल 45 मिनट रहेगी. इस मौके के लिए भगवान को नए वस्‍त्र पहनाकर, उनका साजो-श्रृंगार करते हैं और झूला सजाकर भगवान को झूला झुलाते हैं.
जन्‍माष्‍टमी पूजा की विधि (Janmashtami Puja Vidhi)
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान कृष्‍ण की मूर्ति को किसी थाली जैसे पात्र में रखें. भगवान के सामने धूप-दीप जलाएं और प्रार्थना करें कि कृपया यहां पधारकर पूजा ग्रहण करें. इसके बाद भगवान की मूर्ति का पंचामृत से स्‍नान कराएं, फिर गंगाजल से स्‍नान कराएं. भगवान श्रीकृष्‍ण को नए कपड़े पहनाकर उनका पूरा श्रृंगार करें. इसके बाद फिर से उनकी धूप-दीप से आरती करें. उन्‍हें अष्टगंध चन्दन या रोली और अक्षत से तिलक लगाएं. भगवान को माखन, मिश्री, पंजीरी का भोग लगाएं. भगवान को तुलसी अवश्‍य चढ़ाएं और गंगाजल भी अर्पित करें. भगवान की आराधना करें, उनको प्रणाम करें. अंत में फूल और चावल चढ़ाकर उन्‍हें पूजा में आने और पूजा स्‍वीकरने के लिए धन्‍यवाद दें


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story