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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shani Vakri 2022: ज्योतिष शास्त्र में जब भी कोई ग्रह अपना स्थान परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर देखने को मिलता है. 5 जून को शनि कुंभ राशि में वक्री कर चुके हैं. सभी ग्रहों में शनि सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है.और सबसे धीमी गति से चलता है. इस ग्रह का जरा-सा बदलाव भी आम जन-जीवन पर खासा प्रभाव डालती है. 5 जून को शनि अपनी मार्गी गति से निकलकर वक्री कर गए हैं. ऐसे में उसका सभी प्रभाव पड़ना लाजमी है.
बता दें कि कि कोई भी ग्रह दो गति से चलता है. एक मार्गी और दूसरा वक्री. मार्गी यानी ग्रहों की सीधी चाल और वक्री यानी ग्रहों की उल्टी चाल. शनि ग्रह 141 दिन के लिए कुंभ राशि में वक्री हुए हैं. आइए जानें इसका आम लोगों पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा.
शनि ग्रह का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जाने
- शनि की साढ़े साती और ढैय्या से गुडर रहे लोगों पर शनि की वक्री चाल का प्रभाव विशेष रूप से देखने को मिलेगा. इन लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इन लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही अज्ञात भय से भी मन अशांत रहेगा.
- वहीं, शनि की महादशा और अंतर्दशा से गुजर रहे लोगों पर भी शनि वक्री का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा.
- बनते हुए काम बिल्कुल आखिरी समय में हाथ से निकल जाएंगे. पारिवारिक जीवन में व्यक्ति को कलह का सामना करना पड़ सकता है.
- जिन जातकों की जन्मकुंडली में शनि लग्न और सप्तम भाव में बैठा हो, वहां शनि की इस चाल का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इस दौरान विवाह में देरी का सामना करना पड़ेगा. और वैवाहिक जीवन में भी कलह और अशांति हो सकती है.
- इस अवधि में जमीन से जुड़े लोगों को अचानक से काम में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है.
- कुल मिलाकर इस अवधि में कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है. उनके लिए ये समय परेशानियों से भरा हो स कता है. इस दौरान तर्क-वितर्क से बचें और आर्थिक निर्णयों में सोच-समझकर फैसला करें.
- वहीं, मेष, कन्या और धनु राशि के जातकों के लिए ये समय लाभदायी रहने वाला है. लेकिन इसका लाभ तभी मिल सकता है, जब शनि जन्मकुंडली में पीड़ित न हो.