धर्म-अध्यात्म

जानिए करवाचौथ व्रत का पालन करते समय क्या करें और क्या नहीं

Gulabi
19 Oct 2021 2:18 PM GMT
जानिए करवाचौथ व्रत का पालन करते समय क्या करें और क्या नहीं
x
करवा चौथ अक्टूबर में विशेष दिनों की सीरीज में अगला बड़ा त्योहार है

करवा चौथ अक्टूबर में विशेष दिनों की सीरीज में अगला बड़ा त्योहार है. जो लोग नहीं जानते हैं, उनके लिए करवा चौथ एक उपवास और अनुष्ठान का दिन है जो मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है. महिलाएं चंद्रमा, भगवान शिव और भगवान गणेश सहित उनके परिवार की पूजा करती हैं.


करवा चौथ पूर्णिमा हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, अश्विन महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है. इस वर्ष ये 24 अक्टूबर 2021, रविवार को मनाया जाएगा.


ये व्रत बहुत ही पवित्र है और पूरे दिन बिना पानी पिए भी सख्ती से मनाया जाता है. इसलिए व्रत की गंभीरता को बनाए रखने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. इसलिए, यहां हम करवा चौथ 2021 के दौरान क्या करें और क्या न करें की एक सूची के साथ हैं.

करवा चौथ 2021: तिथि और समय

करवा चौथ पूजा मुहूर्त 17:43 – 18:58
करवा चौथ उपवास का समय 06:13 – 20:16
चतुर्थी 24 अक्टूबर से 03:01 बजे शुरू होगी
चतुर्थी 25 अक्टूबर को 05:43 बजे समाप्त होगी
चंद्रोदय 20:16
सूर्योदय 06:13
सूर्यास्त 17:43

करवा चौथ 2021: क्या करें और क्या न करें?

यहां कुछ डूज और डोन्ट्स हैं जिनका महिलाओं को करवा चौथ 2021 व्रत करते समय पालन करना चाहिए.

क्या करें?

– सूर्योदय से व्रत शुरू होने पर महिलाओं को जल्दी उठना चाहिए.

– सुबह के समय उन्हें बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

– सूर्योदय से पहले सरगी खाना चाहिए, जिसमें सास द्वारा दिए गए खाद्य पदार्थ शामिल हों.

– लाल, नारंगी और पीले रंग को शुभ माना जाता है, महिलाओं को इन रंगों की पोशाक को प्राथमिकता देनी चाहिए.

– व्रत की सकारात्मकता के लिए महिलाओं को अपने भीतर और परिवार के सदस्यों के बीच शांति बनाए रखनी चाहिए.

– चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन करना चाहिए.

क्या न करें?

– पूजा के लिए काले और सफेद रंग की सलाह नहीं दी जाती है, इसलिए महिलाओं को इन रंगों के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.

– महिलाओं को दिन में नहीं सोना चाहिए क्योंकि ये शुभ नहीं होता है.

– इस दिन कैंची और सुई का प्रयोग वर्जित है.

– महिलाओं को किसी को चोट नहीं पहुंचानी चाहिए और अपनी जीभ पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए.

– इस दिन साज-सज्जा और श्रृंगार की चीजों का आदान-प्रदान उचित नहीं है. इसलिए इन सभी बातों का अच्छी तरह से ध्यान रखें.

नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


Next Story