धर्म-अध्यात्म

जानिए नीम के गणपति की पूजा का क्या मिलता है फल

Renuka Sahu
12 Aug 2021 4:21 AM GMT
जानिए नीम के गणपति की पूजा का क्या मिलता है फल
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फाइल फोटो 

हिंदू धर्म में सभी देवों से पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है. रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति की पूजा करने से हमारे ज्ञान, यश, धन आदि में वृद्धि होती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में सभी देवों से पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है. रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति की पूजा करने से हमारे ज्ञान, यश, धन आदि में वृद्धि होती है. ‌भगवान गणपति शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले और इच्छानुकूल वर देने वाले देवता हैं. इन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी कठिन तपस्या से नहीं गुजरना पड़ता है. जीवन से जुड़ी बाधाओं को दूर करके कार्य को सफल बनाने वाले श्री गणेश जी को हम बालगणपति, एकदंत, गजानन, गणपति, लंबोदर, विघ्नहर्ता, विनायक आदि नामों से पूजते और सुमिरन करते हैं.

गणपति के तमाम स्वरूपों की तरह उनकी स्फटिक, संगमरमर, काले पत्थर, श्वेतार्क आदि से बनी मूर्ति का विशेष महत्व है. गणपति की तमाम तरह की मूर्तियों में नीम से बने गणपति की साधना करने से बहुत ज्यादा महत्व है क्योंकि नीम का पेड़ शुभता का प्रतीक होता है. जिस घर में अथवा उसके आस-पास नीम होता है, वहां पर रहने वाले लोगों के सारे रोग-शोक दूर हो जाते हैं. ऐसे में यदि कोई नीम से बनी गणपति की मूर्ति की पूजा करता है तो फिर सोने पर सुहागा वाली बात होगी. वैसे नीम के बने गणपति की पूजा करने पर विशेष रूप से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन से जुड़ी तमाम बड़ी विपत्तियां दूर होती हैं.
नीम के गणपति की पूजा के लाभ
नीम के गणपति की पूजा के लिए किसी भी शुभ दिन, शुभ मुहूर्त अथवा गणेश चतुर्थी के दिन नीम की लकड़ी से बने प्राण-प्रतिष्ठित गणपति की प्रतिमा की पूजा करने से पर शत्रु वश में आ जाते हैं और गणपति हमें तमाम विपदाओं से बाहर निकालकर तमाम तरह के सुख प्रदान करते हैं.
नीम के गणपति की पूजा करके घर से निकलने पर व्यक्ति को संतरी से लेकर मंत्री तक का पूरा सहयोग मिलता है और उसके सभी कार्य आसानी से बन जाते हैं.
नीम से बनी गणपति की प्रतिमा को घर में विधि-विधान से स्थापित करके पूजा करने से शत्रु भय दूर होता है. गणपति के आशीर्वाद से साधक को जीवन में कभी भी शत्रुओं से कोई खतरा नहीं रहता है.
नीम की प्रतिमा से बने गणपति की लाल चंदन एवं लाल फूलों से विशेष पूजा करने पर शत्रुओं द्वारा मचाया गया उत्पात शांत होता है. गणपति की कृपा से गुप्त शत्रुओं से होने वाले खतरे टल जाते हैं.


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