धर्म-अध्यात्म

जानिए रंगभरी एकदाशी का आंवले से क्या है संबंध?

Tulsi Rao
23 Feb 2023 8:11 AM GMT
जानिए रंगभरी एकदाशी का आंवले से क्या है संबंध?
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Rangbhari Ekadashi 2023 : हिंदू पंचांग में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी है. इस दिन को आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव मां पार्वती से विवाह करने के बाद पहले बार काशी नगरी गए थे. तभी से वाराणसी में रंग खेलने की शुरुआत हुई. वहीं ब्रज में होली का ये पर्व होलाष्टक से शुरु हो जाता है. इस बार ये एकादशी 2 मार्च को सुबह 06:39 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 03 मार्च को सुबह 09:12 मिनट समाप्त होगा. इसलिए इसकी उदया तिथि दिनांक 3 मार्च को है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि रंगभरी एकादशी का आंवले से क्या संबंध है, साथ ही इस दिन कौन से चमत्कारी उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी.

जानिए रंगभरी एकदाशी का आंवले से क्या है संबंध?

रंगभरी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विशेष विधि विधान है. इस दिन आंनले का विशेष तरीकों से प्रयोग किया जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ में जल चढ़ाने से स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन संध्या के समय आंवेल के पेड़ के पास दीपक जरूर जलाएं और वृक्ष की 27 या फिर 9 बार परिक्रमा जरूर करें.

इस दिन जरूर करें ये चमत्कारी उपाय

1.आर्थिक समस्याएं से हैं परेशान तो जरूर करें ये उपाय

सुबह स्नान करने के बाद पूजा का संकल्प करें और घर से एक पात्र में जल भरकर शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर बेलपत्र, चंदन, गुलाल अर्पित करें. इससे आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा.

2.विवाह में आ रही है कोई परेशानी

अगर आपके विवाह में किसी प्रकार की कोई परेशानी उत्पन्न हो रही है, तो इस दिन उपवास जरूर रखें. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने के बाद गुलाबी रंग का गुलाल जरूर अर्पित करें.

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3.स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से पाना चाहते हैं छुटकारा

इस दिन रात्रि के समय शिव जी की पूजा करें. शिव जी को जल और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं. इसके बाद लाल, पीला और सफेद रंग का गुलाल जरूर अर्पित करें, इसके साथ ॐ हौं जूं सः" की 11 माला का जाप जरूर करें.

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