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- जानिए विवाह में देरी...
आज के समय में कई जातक विवाह देरी से होने या ना होने की समस्या से परेशान है। आज इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि विवाह में देरी का योग कैसे बनता है और अविवाहित जातक कब रह जाता है। सबसे पहले विवाह में देरी के योग
1- अगर सप्तम भाव में शुक्र बुध और लग्न में मंगल शनि हो तो जातक के विवाह में देरी होगी। स्त्री है तो 36 वर्ष तक विवाह नहीं होता है या होकर टूट जाता है।
2 - सप्तम में शनि हो और उसे सूर्य मंगल देख रहे हो तो भी विवाह देरी से होगा।
3 - अगर सप्तम भाव का स्वामी केतु के साथ बैठ जाए और सप्तम में सूर्य मंगल विराजमान हो तो भी विवाह में देरी की सम्भावना बनती है।
4 - सप्तम भाव में या तो कोई ग्रह नीच राशि में विराजमान हो या सप्तम भाव में कोई दुर्योग बन रहा हो तो भी इस भाव के पीड़ित होने के कारण विवाह में देरी होगी।
5 - अगर किसी महिला की कुंडली में मंगल नीच हो और पति का कारक गुरु शनि राहु से पीड़ित हो तो निश्चित ही उस स्त्री के विवाह में देरी होगी और उसे पति का अल्प सुख ही मिलता है।
अविवाहित रहने के योग कैसे बनते हैं ?
1 - अगर सप्तम भाव का स्वामी नीच होकर द्वादश भाव में विराजमान हो और लग्न का स्वामी सप्तम भाव में शनि से देखा जाता हो तो जातक विवाह नहीं करेगा।
2 - किसी कुंडली में मन का कारक चन्द्रमा शुक्र के साथ केंद्र में विराजमान हो और मंगल शनि की युति होकर दोनों में कोई भी एक ग्रह चंद्र शुक्र पर दृष्टि डाले तो भी विवाह नहीं होगा।
3 - बुध शुक्र और शनि तीनो एक साथ हो और इनमें से कोई 1 ग्रह नीच राशि में हो तो जातक को विवाह करने में कोई रूचि नहीं होती।
4 - किसी पुरुष की कुंडली में अगर शुक्र नीच राशि में या अष्टम भाव में विराजमान हो और सप्तम भाव में शनि केतु की युति हो तो ऐसे जातक का विवाह नहीं होता।
शीघ्र विवाह के लिए कुछ उपाय
1- पुरुष हो या स्त्री हो अगर विवाह में देरी हो रही है तो हर गुरुवार के दिन जल में हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए।
2- हर गुरुवार को गंगाजल में हल्दी डाल दे और आधा जल केले पर और आधा जल पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें।
3- जल्दी विवाह हो इसके लिए हर गुरुवार विष्णु मंदिर की सफाई करनी चाहिए।