धर्म-अध्यात्म

जानिए क्या हैं 16 कलाएं? जिनसे परिपूर्ण पहले इकलौते अवतार हैं श्रीकृष्ण

Rani Sahu
14 Aug 2021 4:06 PM GMT
जानिए क्या हैं 16 कलाएं? जिनसे परिपूर्ण पहले इकलौते अवतार हैं श्रीकृष्ण
x
भगवान श्रीकृष्ण पहले संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण अवतार माने जाते हैं. वहीं पौराणिक मान्यता है

Krishanleela: भगवान श्रीकृष्ण पहले संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण अवतार माने जाते हैं. वहीं पौराणिक मान्यता है कि श्रीराम सूर्यवंश में अवतरित हुए थे. सूर्य की बारह कलाएं होती हैं, इसलिए वे बारह कलाओं से परिपूर्ण माने गए. वहीं कृष्णजी चंद्रवंश में पैदा हुए थे और चंद्र आकाश को सोलह कलाओं में बांटते हैं, इसलिए कृष्णजी सोलहकलाओं से पूर्ण माने जाते हैं.

कृष्णजी की 16 कलाएं
1. श्रीधन संपदा: प्रथम कला के रूप में धन संपदा है.
2. भू-अचल संपत्ति: भू- अचल संपत्ति को स्थान दिया गया है.
3. कीर्ति-यश प्रसिद्धि: तीसरी कला के रूप में कीर्ति-यश प्रसिद्धि.
4. इला-वाणी की सम्मोहकता: चौथी कला इला-वाणी की सम्मोहकता है.
5. लीला-आनंद उत्सव: पांचवीं कला का नाम है लीला, यह आनंद भी है.
6. कांति-सौदर्य और आभा: जो मुखमंडल बार-बार निहारने का मन करता है. वह छठी कला से संपन्न माना जाता है.
7. विद्या-मेधा बुद्धि: सातवीं कला का नाम विद्या है. इससे परिपूर्ण व्यक्ति सफलता में आगे रहता है.
8. विमला-पारदर्शिता: जिसके मन में छल-कपट नहीं हो, वह आठवीं कला युक्त माना जाता है.
9. नौवीं कला के रूप में प्रेरणा को स्थान दिया गया है.
10. ज्ञान-नीर क्षीर विवेक: श्रीकृष्ण ने कई बार विवेक का परिचय देकर समाज को नई दिशा दी.
11. क्रिया-कर्मण्यता: ग्यारहवीं कला के रूप में क्रिया रखी गई है.
12. योग-चित्तलय: बारहवीं कला के रूप में योग को रखा गया है.
13. प्रहवि-अत्यंतिक विनय: तेरहवीं कला का नाम प्रहवि है.
14. सत्य-यर्थार्थ: श्री कृष्णजी की चौदहवीं कला सत्य है.
15. इसना-आधिपत्य: नंदलाल की पंद्रहवीं कला का नाम इसना है.
16. अनुग्रह: सोलवीं कला के रूप मे श्रीकृष्णजी को अनुग्रह मिला है.


Next Story