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धर्म-अध्यात्म
Devi Parvati की पूजा का जानें ये जरूरी नियम, वरना नहीं मिलेगा फल
Shiddhant Shriwas
30 July 2021 10:24 AM GMT
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सावन महीने (Sawan Month) में हर जगह शिव जी की आराधना हो रही है. लोग शिव जी की पूजा-अभिषेक कर रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का महीना शुरू हुए 5 दिन हो चुके हैं. इस दौरान सावन महीने (Sawan Month) का पहला सोमवार और मंगला गौरी व्रत भी पड़ चुके हैं. इस महीने में शंकर जी (Shankar Ji) की पूजा करने से कई मनोकामनाएं पूरी होती हैं. खासकरके सावन सोमवार का व्रत और पूजा करने से अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. वहीं सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि व्रत के दौरान पूजन सही विधि से की जाए.
...वरना नहीं मिलता फल
यदि भगवान शिव की पूजा में कोई गलती हो जाए तो उस पूजा का फल नहीं मिलता है, जैसे शिव जी को ऐसी चीजें चढ़ाई जाएं जो उन्हें पसंद न हों या शिव जी की पूजा बिना पार्वती जी के की जाए. धर्म-पुराणों और ज्योतिष में कहा गया है यदि शिव जी की पूजा अकेले की जाए यानी कि उनके साथ-साथ पार्वती जी (Parvati Ji) की पूजा न की जाए तो उस पूजा का फल नहीं मिलता है. शिव, शक्ति यानी की मां पार्वती के बिना अधूरे हैं लिहाजा हमेशा दोनों की पूजा करनी चाहिए. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि शिवलिंग (Shivling) में शिव जी और पार्वती जी दोनों की शक्ति समाहित होती है, लिहाजा शिवलिंग की पूजा करने से दोनों की पूजा हो जाती है.
इस स्थिति में कर सकते हैं अकेले पूजा
हालांकि एक स्थिति में बिना पार्वती जी के शिव जी की अकेले पूजा की जा सकती है. ऐसा तब किया जा सकता है, जब भक्त शिव जी की पूजा अपने गुरू के तौर पर करता है.
धर्म-पुराणों और ज्योतिष में कहा गया है कि शिव जी के साथ पार्वती जी का और उनके नंदी का भी अभिषेक करना चाहिए. इससे शिव-पूजा (Shiva Puja) का पूरा फल मिलता है.
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