धर्म-अध्यात्म

जानिए यह लोक कथा के अनुसार, 'यदि बाधाओं से डरकर आगे नहीं बढ़ेंगे तो जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती'

Nilmani Pal
2 Dec 2020 10:13 AM GMT
जानिए यह लोक कथा के अनुसार, यदि बाधाओं से डरकर आगे नहीं बढ़ेंगे तो जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती
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हमें भी अपने जीवन में आ रही बाधाओं से डरना नहीं चाहिए, बाधाओं से ही हमारी सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बाधाओं से हमारी सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है। समस्याओं से डरे बिना आगे बढ़ने से ही सफलता मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। अगर बाधाओं से डरकर आगे ही नहीं, बढ़ेंगे तो जीवन में कोई उपलब्धि हासिल नहीं की जा सकती है।

एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक किसान की फसल मौसम की वजह से बार-बार खराब हो जाती थी। कभी तेज बारिश, कभी तेज धूप और कभी ज्यादा ठंड की वजह से उसकी फसल पनप नहीं पाती थी। काफी समय ऐसे ही चलता रहा। अच्छी फसल न मिलने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब हो गई थी।
वह भगवान का भक्त था, लेकिन परेशानियों की वजह से वह भगवान को कोसने लगा। तभी वहां भगवान प्रकट हुए। किसान ने भगवान को अपनी परेशानी बताई और कहा कि आपको खेती की जानकारी नहीं है। आप गलत समय पर बारिश कर देते हैं, कभी भी तेज धूप और ठंड बढ़ा देते हैं। इससे हर बार मेरी फसल खराब हो जाती है।
किसान भगवान से बोला कि आप मेरे अनुसार मौसम कर दीजिए, ताकि मेरी फसल अच्छी हो सके। जैसा मैं चाहूं, वैसा ही मौसम रहे। ये बातें सुनकर भगवान ने कहा कि ठीक अब से ऐसा ही होगा।
अगले दिन से किसान ने फिर से गेहूं की खेती शुरू कर दी। किसान जब बारिश चाहता था, तब बारिश होती, फसल के लिए जब उसे धूप की जरूरत होती, तब धूप निकलती।इस तरह उसकी इच्छा के अनुसार मौसम चल रहा था। धीरे-धीरे उसकी फसल तैयार हो गई। हरे-भरे खेत को देखकर किसान बहुत खुश था।
जब फसल कटाई का समय आया तो उसने देखा कि फसल की बालियों में गेहूं के दाने ही नहीं थे, सब की सब बालियां खोखली थीं। ये देखकर उसने फिर से भगवान को याद किया। भगवान प्रकट हुए तो किसान ने खोखली बालियों की वजह पूछी।
भगवान ने कहा कि तुम्हारी फसल ने संघर्ष बिल्कुल भी नहीं किया है, इसी वजह से ये खोखली हो गई है। जब फसलें तेज बारिश में, तेज हवा में खुद को बचाए रखने का संघर्ष करती है, तेज धूप से लड़ती है, तभी उसमें दाने बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। जिस तरह सोने को चमकने के लिए आग में तपना पड़ता है, ठीक उसी तरह फसलों के लिए भी संघर्ष जरूरी होता है।
कथा की सीख
इस कथा की सीख यह है कि हमें भी अपने जीवन में आ रही बाधाओं से डरना नहीं चाहिए। बाधाओं से ही हमारी सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है। अपनी योग्यता में निखार आता है। निडर होकर सभी समस्याओं का सामना करते हुए आगे बढ़ने से सफलता जरूर मिलती है।


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