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आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में धन की उपयोगिता को बताते हुए इसे सच्चा मित्र कहा है और हर किसी को धन एकत्रित करने की सलाह दी है. आचार्य का कहना था कि बुरे वक्त में जब कोई आपका साथ नहीं देता, तब धन आपके काम आता है. इसलिए हर किसी को धन की कद्र करना चाहिए और धन का संचय करना चाहिए. लेकिन धन घर में तभी आता है जब घर पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है. आचार्य ने चाणक्य नीति में मां लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के खास तरीके बताए हैं.
1. मां लक्ष्मी को प्रसन्न रखना चाहते हैं तो घर में साफ सफाई का पूरा खयाल रखें. इसके अलावा घर में शांतिपूर्ण माहौल होना चाहिए. जहां क्लेश होता है, या अशांति होती है, वहां मां लक्ष्मी कदम नहीं रखतीं. जिस घर में परिजनों के बीच परस्पर प्रेमभाव बना रहता है,पति और पत्नी प्रेमपूर्वक रहते हैं, मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है.
2. जिन लोगों की वाणी में मधुरता नहीं होतीं, कड़वे वचन बोलते हैं, उनसे माता लक्ष्मी कभी प्रसन्न नहीं रहतीं. कड़वे वचन बोलने वाले लोग हमेशा अपना नुकसान करते हैं, उनके पास धन आते आते लौट जाता है. अगर आप व्यापारी हैं तो आपको हर हाल में मीठे वचन बोलने आने चाहिए वर्ना आप कभी भी धन लाभ नहीं उठा पाएंगे. इसके अलावा अगर आप नौकरी करते हैं तो भी आप मीठे वजन बोलकर ही दूसरों का दिल जीत सकते हैं, कार्यक्षेत्र में सभी के साथ तालमेल बना कर चल सकते हैं. तालमेल बनाकर काम करने से काम अच्छा होता है और आप तेजी से तरक्की करते हैं.
3. शास्त्रों में दान का विशेष महत्व दिया गया है, साथ ही धरती पर हर किसी के लिए एक उसूल है कि वो जो देता है, उसे एक दिन वही चीज प्राप्त होती है. इसीलिए शास्त्रों में मीठे वचन, सहायता, सौम्यता, मित्रता, दान, पुण्य आदि की बातें कही गई हैं, ताकि आपका जीवन बेहतर रहे. जो व्यक्ति दान-पुण्य करता है, उस पर मां लक्ष्मी की खास कृपा होती है. वहीं जो धनी व्यक्ति धन दौलत होने के बावजूद समाज कल्याण के कार्यों में हिस्सा नहीं लेता, उससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और उसका धन एक दिन निश्चित तौर पर बर्बाद हो जाता है.