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दफ्तर का इंटीरियर करते समय यदि आप प्रवेश द्वार बताई गई दिशा में नहीं बना पाए हैं
ऑफिस या हमारा वर्कप्लेस हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक होता है। यहां का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरा पूरा होना चाहिए। यदि आप भी ऐसा मानते हैं तो इन वास्तु टिप्स को जरूर अपनाएं। अधिकतर लोग अपने ऑफिस को डिजाइन करते समय वास्तु का ध्यान रखने पर बहुत जोर देते हैं। उसका एक महत्वपूर्ण कारण भी है। बिजनेस में स्थिरता लानी हो, या दफ्तर में कमाई में निरंतरता बनाए रखनी हो, सौभाग्य और समृद्धि पानी हो, या वातावरण को सकारात्मक बनाए रखना हो। इन सभी के लिए उचित वास्तु अत्यंत आवश्यक होता है। इसीलिए हम पंडित दीपक पांडे से पूछ कर आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स लेकर आए हैं।
कैसा हो सीटिंग अरेंजमेंट
ऑफिस में कौन कहां बैठेगा वास्तु के तहत यह अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। वास्तु के अनुसार मालिक और बॉस को हमेशा पश्चिम दिशा में बने केबिन में बैठना चाहिए। उनका मुंह उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। इन लोगों की कुर्सी के पीछे कर्टन या लकड़ी का बना डिवाइडर नहीं होना चाहिए, बल्कि एक मजबूत दीवार होनी चाहिए। वही मैनेजर डायरेक्टर और एग्जीक्यूटिव्स को पश्चिमी, दक्षिणी या दक्षिण पश्चिम कोने में बैठना चाहिए। तभी यह लोग सही फैसले ले सकेंगे, और काम तरक्की कर सकेगा। मार्केटिंग और सेल्स में काम करने वालों को उत्तर पूर्व दिशा की ओर बैठना चाहिए इससे इनके अंदर ऊर्जा का संचार होता है। वही दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों को उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। ताकि उत्पादकता बढ़ती रहे। कर्मचारियों को लाइट के ठीक नीचे नहीं बैठना चाहिए।
कैसा हो ऑफिस का प्रवेश
वास्तु के अनुसार ऑफिस में प्रवेश करने का रास्ता उत्तर, उत्तर पूर्व, या उत्तर पश्चिम दिशा में हो तो सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि यह दिशाएं सौभाग्य लाती हैं। उत्तर दिशा को वैभव के देवता की दिशा माना जाता है। इससे आपको फाइनेंशियल लाभ भी मिलता है।
इंटीरियर में रखें इन बातों का ध्यान
दफ्तर का इंटीरियर करते समय यदि आप प्रवेश द्वार बताई गई दिशा में नहीं बना पाए हैं, तो उत्तर दिशा में शीशा या कुबेर यंत्र रखें। ताकि फाइनैंशल वेल्थ हमेशा काबू में रहे। उत्तर पूर्व दिशा में तैयार माल का ढेर ना रखें। खासतौर पर ऑफिस की डेस्क के सामने, इन्हें उत्तर पश्चिम दिशा में रखें जिससे विक्रय तेजी से हो। फाइनेंसियल डॉक्यूमेंट को हमेशा दक्षिण पश्चिम कोने में कैबिनेट या कबर्ड बनाकर उसमें रखें। जबकि सेफ या तिजोरी का मुंह उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। दफ्तर में जहां तक संभव हो रिसेप्शन उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में ही बनवाएं। वरना रिसेप्शनिस्ट को उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। रिसेप्शन टेबल को ऑफिस के सामने वाली दीवार से तिरछा रखें, और दक्षिणी दीवार पर कंपनी का लोगो लगाएं। पैंट्री हमेशा दक्षिण पूर्व दिशा में बनानी चाहिए उत्तर में बिल्कुल भी नहीं। यदि ऐसा ना हो पाए तो सिंक के पास श्रीपर्णा लकड़ी से बना पिरामिड रखें और गैस स्टोव के पीछे तांबे का स्वास्तिक लगाएं। वॉशरूम पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में हो और वास्तु विकल्प के तौर पर लकड़ी के कटोरे में नमक रखें, जिसे हर हफ्ते बदल दें।जबकि सीढ़ियां दक्षिण या दक्षिण पश्चिम में हूं भूल से भी ऑफिस के मध्य में सीढ़ियां ना बनवाएं वरना आर्थिक नुकसान हो सकता है बॉस्को अगर अपने कर्मचारियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने हैं तो अपने देश पर फिरोजी पिरामिड रखें साथ ही मालिक हो या कर्मचारी दांत साफ सुथरा रखें और उसे गैर जरूरी दस्तावेजों से ना भरे टूटी हुई स्टेशनरी को कभी भी संभाल कर ना रखें यह आर्थिक समृद्धि के रास्ते में रुकावट बन सकती है।
रंगो के प्रयोग पर रखें नजर
ऑफिस में दीवारों पर किए जाने वाले रंग सावधानी से चुनें। ज्यादातर चमकने वाले रंगों का इस्तेमाल करें, क्योंकि इनसे सकारात्मकता फैलती है। रोशनी नकारात्मकता को दूर करती है इसलिए हमेशा ऐसे रंगों का प्रयोग करें जिनसे उजाला फैले। दक्षिणी दीवार पर नीले रंग का प्रयोग सकारात्मक ऊर्जा लाता है। हरे रंग के विभिन्न शेड्स प्रोफेशनल रिलेशनशिप को मजबूत करते हैं। दक्षिण पश्चिमी दीवार पर हरा रंग होने से ऑफिस में सद्भावना बढ़ती है। दक्षिण पूर्व, पूर्व, उत्तर पूर्व और उत्तर पश्चिमी कोनों और दीवारों पर सफेद, क्रीम और पीले रंग का प्रयोग अच्छा माना जाता है। ऑफिस में लाल और पिंक कलर का प्रयोग करने से बचें।
पौधों के प्रयोग से भी सुधरता है वास्तु
ऑफिस में फूल पौधों का प्रयोग भी सोच समझ कर करना चाहिए। इनका भी वास्तु से गहरा रिश्ता है। ऑफिस डेस्क पर बैंबू या जेड प्लांट इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा एरिका पाम, मनी प्लांट, ड्रेकेना प्लांट का प्रयोग भी सौभाग्य और समृद्धि के लिए अच्छा माना जाता है। यदि प्रवेश द्वार सही जगह नहीं है तो आप रिसेप्शन में फ्रेंच लैवंडर फूल या हरे जेड प्लांट का इस्तेमाल कर सकते हैं। एंट्रेंस पर चार पत्तियों वाला घास का पौधा और मध्य में तुलसी का पौधा लगा सकते हैं।
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