- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- होटल या रेस्टोरेंट...
होटल या रेस्टोरेंट बनवाने से पहले ये बातें जरूर जान लें, होगा बड़ा फायदा, कमाएंगे लाखों
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए होटल या रेस्टोरेंट के बारे में। आज के टाइम में बड़े-बड़े शहरों में सड़कों के किनारे बेशुमार होटलों की लाइन लगी पड़ी है। कहीं तीन सितारा है तो कहीं पांच सितारा. यहां तक कि छोटे शहर और गांव भी अब इनकी भीड़ से अछूते नहीं है। लेकिन इनका निर्माण करते वक्त वास्तु के अनुसार कुछ बातों का ध्यान रखना बेदह जरूरी है, नहीं तो आपकी पूरी मेहनत पर पानी भी फिर सकता है, आपको बिजनेस में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए सबसे पहले हम आपको होटल के लिए सही आकार में भूमि के चुनाव के बारे में बता रहे हैं। किसी भी निर्माण के लिए सबसे पहले भूमि का ही चुनाव किया जाता है।
इस दिशा में करवाएं होटल का निर्माण
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल निर्माण के लिए आयताकार या फिर वर्ग के आकार की भूमि का चुनाव करना सबसे अच्छा रहता है। होटल का निर्माण इस तरह से किया जाना चाहिए कि इसकी ऊंचाई उत्तर-पूर्व दिशा से दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ थोड़ी अधिक होनी चाहिए।
प्रवेश द्वार हो ऐसा
वास्तु के अनुसार, रेस्टोरेंट या होटल का प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसके साथ ही प्रवेश द्वार हमेशा साफ-सुथरा और आकर्षक रखना क्योंकि चाहे अतिथि हो या सफलता, सब कुछ मुख्य द्वार के जरिए ही ही आता है। आप चाहें तो प्रवेश द्वार पर फूलों के गुलदस्ते रख सकते हैं। ये सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
इस दिशा में रखें कैश काउंटर
वास्तु कहता है कि रिसेप्शन या कैश काउंटर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। साथ ही उस पर बैठनेवाले व्यक्ति की दिशा ऐसी होनी चाहिए कि उसका मुख वायव्य कोण की ओर हो।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
ये