धर्म-अध्यात्म

जानिए शनि दोष को दूर करने के ये ज़रूरी उपाय

Teja
21 Oct 2021 6:48 PM GMT
जानिए शनि दोष को दूर करने के ये ज़रूरी उपाय
x
दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में

जनता से रिश्ता वेबडेसक | शास्त्रों के अनुसार शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप बहुत ही कष्टकारी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यपुत्र और सभी नौ ग्रहों में सबसे मन गति से चलने वाले शनि देव को न्याय और कर्म प्रधान देवता माना जाता है। सभी ग्रहों से धीमी गति से चलने के कारण शनि का प्रभाव जातकों पर ज्यादा समय तक होता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप अत्यधिक कष्टकारी होता है। लेकिन दूसरी तरफ शनि देव शुभ फल की प्राप्ति भी प्रदान करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि का शुभ फल होता है। तब उन जातकों के सभी कार्य पूर्ण होते हैं तथा उन्हें सभी शुभ फल प्रदान होते हैं। और वहीं दूसरी ओर जातक की कुंडली में शनि अशुभ है तो जातक को विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अर्थात कई प्रकार की परेशानियों से जुझना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक बार या उससे अधिक बार शनि की साढ़ेसाती जरूर लगती है। शास्त्रों में शनि दोष से बचने के कई उपाय बताए गए हैं। शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए शनिवार का दिन बहुत ही विशेष माना जाता है। शनि की साढेसाती के तीन चरण है पहला ,दूसरा ,तीसरा जो निम्न है- साढ़ेसाती के पहले चरण में धनु, वृषभ और सिंह राशि वालों को अत्यधिक कष्टों को सहन करना पड़ता है। दूसरे चरण में सिंह, मकर, मेष, कर्क और वृश्चिक राशि वालों के लिए अत्यधिक कष्ट दायी होता है। तथा तीसरे चरण में मिथुन, कुंभ, तुला और मीन राशि के लिए अत्यधिक अशुभ होता है। शनि दोष इन तीनों चरणों की राशि पर अत्यधिक कष्ट दायी होता है।

दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में

मौजूदा समय में शनि मकर में प्रवेश करता है तो शनि के मकर में प्रवेश हो के कारण धनु मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैैय्या का प्रभाव है। धनु राशि के जातकों पर शनि दोष की साढ़ेसाती का आखिरी चरण अभी चल रहा है पूरी तरह से साल 2023 धनु राशि पर से साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी तथा अभी मकर राशिफल पर शनि दोष की साढ़ेसाती का दूसरे चरण की प्रक्रिया चल रही है।मकर राशि से शनि की साढ़ेसाती का दोष 2025 में समाप्त होगा होगा। शनि के मकर राशि में प्रवेश करने के कारण कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। कुंभ राशि से शनि की साढ़ेसाती 23 जनवरी 2028 को समाप्त होगी।

शनि देव की मार्गी होने की तिथि इस वर्ष 11 अक्टूबर 2021 है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातको को शनि के क्रूर ग्रह होने के कारण अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा जातकों पर इन सबका अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। 23 मई 2021 से शनि ग्रह मकर राशि में उल्टी चाल चल रहा है अर्थात उल्टी चाल का मतलब होता है वक्री। और शनि 11 अक्टूबर 2021 को मार्गी हो जाएंगे। तथा शनि के मार्गी होने के कारण इसका कई राशियों पर सकारात्मक और कई राशियों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। कई राशियों की परेशानी बढ़ सकती हैं और कईयों को परेशानियों से राहत मिलेगी।

• शनि दोष से बचने के उपाय

1. शनिवार का दिन शनिदेव का दिन माना जाता है तथा यह दिन शनि जी की कृपा पाने का अच्छा समय है। इस दिन आपको शनि देव जी के मंदिर में सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए।

2. शनि दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए आपको शनि देव जी के 10 नामों का जाप करना चाहिए। यह 10 नाम इस प्रकार हैं- पिंगल, कृष्ण, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्र, कोणस्थल, रौद्रान्तक, बभ्रु।

3. आपको हर शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। व दीपक जलाना चाहिए।

4. हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है इसलिए आपको हर शनिवार के दिन हनुमान जी के दर्शन करने और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

5. शनि दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए आपको प्रत्येक शनिवार शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जिससे आपके दोष हट जाएंगे।

Next Story