धर्म-अध्यात्म

जानिए कुंडली में विदेश यात्रा के योग

Tara Tandi
8 Aug 2022 5:11 AM GMT
जानिए कुंडली में विदेश यात्रा के योग
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हममें से बहुत से लोग विदेश में जाकर बसने, विदेश यात्रा (Videsh Yatra) करने का सपना देखते हैं, लेकिन सपने तो सपने होते हैं. आपने बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि किस्मत में होगा तो विदेश जाने का मौका जरूर मिलेगा. ऐसे भी कई लोग हैं, जो विदेश जाने का सपना देखते हैं, लेकिन इसमें उनका पूरा जीवन निकल जाता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कई बार विदेश यात्रा कर लेते हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? विदेश यात्रा करने का रहस्य मनुष्य की जन्म कुंडली में है. इस विषय में विस्तार से हमें बता रही हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा. आइए जानते हैं.

कुंडली में विदेश यात्रा के योग
-ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य लग्न की स्थिति में हो तो विदेश यात्रा करने के योग बनते हैं
-यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध आठवें भाव में हो या शनि बारहवें भाव में बैठा हो. तब भी जातक के विदेश यात्रा करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
-यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्नेश बारहवें भाव में स्थित है, तब भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं.
-यदि किसी जन्म कुंडली में दशमेश और नवमांश दोनों ही चर राशियों में स्थित हो तो भी जातक विदेश यात्रा कर सकता है.
-ज्योतिष में ऐसा भी माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा 11वें या बारहवें भाव में हो तो भी जातक के विदेश यात्रा करने के योग बनते हैं.
-शुक्र ग्रह जन्म कुंडली के छठे, सातवें या आठवें भाव में स्थित हो तो भी विदेश यात्रा कर सकते हैं.
-यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु पहले, सातवें या आठवें भाव में हो तो भी उस व्यक्ति का विदेश यात्रा करने का योग बनता है.
-कुंडली के छठे भाव का स्वामी कुंडली के बारहवें भाव में स्थित हो तो भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं.
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