धर्म-अध्यात्म

जान ले जितिया व्रत की पूजा विधि

Khushboo Dhruw
4 Oct 2023 3:03 PM GMT
जान ले जितिया व्रत की पूजा विधि
x
हिंदू धर्म में कई ऐसे व्रत है जो महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और खुशहाली जीवन की कामना से करती है इन्हीं में शामिल जीवित्पुत्रिका व्रत भी है जो माताएं अपने पुत्र की उन्नति और लंबी आयु के लिए करती है इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर पूजा पाठ और व्रत करती है। पंचांग के अनुसार जीविपुत्रिका व्रत हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर किया जाता है जिसे जितिया के नाम से भी जाना जाता है इस साल जितिया का व्रत 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को किया जाएगा।
इन महिलाओं को अभी तक संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है वे भी इस व्रत को करके संतान प्राप्ति की इच्छा को पूर्ण कर सकती है माना जाता है कि यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ साथ उसकी अच्छी सेहत, लंबी और सफलता के लिए खास होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा जितिया व्रत की पूजा विधि बता रहे हैं।
जितिया व्रत की पूजा विधि—
आपको बता दें कि अष्टमी तिथि के दिन प्रदोष काल में तलाब के निकट कुशा से जीमूतवाहन की मूर्ति बनाएं साथ ही कथा के चील और मादा सियार की भी मूर्तियां गोबर से बनाएं। सबसे पहले जीमूतवाहन को धूप, दीपक, पुष्प और अक्षत अर्पित कर चील और सियार को सिंदूर से टीका लगाएं।
इसके बाद व्रत कथा का पाठ कर अंत में आरती करें। पूजन में पेड़ा, दूब, खड़ा चावल, 16 गांठ का धागा, इलाईची, पान सुपारी और बांस के पत्ते भी चढ़ाएं जाते हैं। इस दिन पूजा में सरसों तेल और खली भी अर्पित की जाती है। मान्यता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
Next Story