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- बुढ़वा मंगल की पूजा...
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal 2023 Date) का विशेष महत्व है. हर साल ज्येष्ठ मास में ढ़वा मंगल मनाया जाता है. आपको बता दें कि बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal Pujan Vidhi) के दिन हनुमानजी के वृद्धि स्वरुप की पूजा की जाती है. इसीलिए इसे बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal Ka Mahatva) के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा इसे बड़ा मंगलवार के नाम से भी जानते हैं. गौरतलब है कि ज्येष्ठ माह का पहला बुढ़वा मंगल इस बार 9 मई 2023 को पड़ रहा है. मान्यतानुसार इस दिन विधि विधान से भगवान हनुमान की पूजा अर्चना करने से आपके कष्ट दूर होते हैं व इसके साथ ही जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है. इस दिन की पूजा में मंत्रों का विशेष योगदान माना गया है.
हनुमान जी की पूजा के लिए खास मंत्र –
1.हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥
2- ”अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥”
3- ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
4- मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
5-
नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निजपद जंत्रित जाहि प्राण केहि बाट।।
श्रीराम स्तुति:
श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन हरण भव भयदारुणं।
नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर-कंज पद कन्जारुणं।।
कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरज सुन्दरं।
पट पीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरं।।
भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्यवंश-निकंदनं।
रघुनंद आनंदकंद कोशलचंद दशरथ-नन्दनं।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खरधूषणं।।
बुढ़वा मंगल की पूजा विधि (Budhwa Mangal Puja Vidhi)
मान्यतानुसार, इस दिन सुबह स्नान करने के बाद हनुमानजी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने लाल फूल चढ़ाए जाते हैं. साथ ही हनुमानजी को लाल चंदन का टीका लगाकर व धूप बत्ती दिखाई जाती है. इसके बाद साधक के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. इस दिन पूजा में मंत्रों का प्रयोग करना बहुत ही फलदायी और कल्याणकारी माना गया है. इसके साथ ही मंगलवार के व्रत में शाम के समय हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाकर व्रत का पारण किया जाता है.
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Apurva Srivastav
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