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- जानिए हिंदू धर्म में...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में करीब-करीब हर माह में तमाम महत्वपूर्ण व्रत रखने का चलन है. शास्त्रों में इन व्रतों के अलग-अलग महत्व के बारे में भी बताया गया है. व्रत के पुण्य (Virtue of Fast) को प्राप्त करने के लिए लोग निराहार, फलाहार, निर्जल और मौन व्रत आदि अपनी क्षमता के अनुसार रखते हैं. लेकिन सिर्फ भूखा प्यासा रहने या मौन रहने मात्र से व्रत का उद्देश्य पूर्ण नहीं होता और न ही इससे आप उस पुण्य के भागी बन सकते हैं, जिसके बारे में शास्त्रों में बताया गया है. वास्तविकता में व्रत मन, विचार और भावना को शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है. इसमें अपनी इंद्रियों को वश में करना सिखाया जाता है. अगर आपने ये सीख लिया तो आपके व्रत का उद्देश्य (Ambition of Fasting) सफल हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानें व्रत के सही मायने और नियम क्या हैं.