धर्म-अध्यात्म

जानिए चाणक्य की वह बातें जिसमें छिपा है सुखद दांपत्य जीवन की सफलता का रहस्य

Nilmani Pal
23 Oct 2020 10:21 AM GMT
जानिए चाणक्य की वह बातें जिसमें छिपा है सुखद दांपत्य जीवन की  सफलता का रहस्य
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चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य नीति की शिक्षाएं व्यक्ति को बेहतर बनाती हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य नीति की शिक्षाएं व्यक्ति को बेहतर बनाती हैं और हर परिस्थिति का किस तरह से सामना करना चाहिए इसके लिए मार्ग दिखाती है. चाणक्य नीति की बातें आज भी प्रासंगिक हैं, इसीलिए आज भी इसकी लोकप्रियता बनी हुई है.

चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी समझदार और सुशील है उससे अधिक भाग्यशाली कोई नहीं है. समझदार पत्नी जहां पति की ताकत कहलाती है वहीं संकट के समय एक अच्छे सलाहकार की भूमिका भी निभाती है. जब व्यक्ति दुविधा और परेशानियों से घिर जाता है तो समझदार पत्नी अंधेरे में रोशनी की तरह होती है. खराब समय में पत्नी आत्मविश्वास को कम नहीं होने देती है, और विपरीत परिस्थितियों भी जीवनसाथी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है.

सुखद दांपत्य जीवन में ही सफलता का रहस्य छिपा हुआ है. जो व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ मित्रवत व्यवहार करते हैं और पत्नी की प्रतिभा और कुशलता का सम्मान करते हैं उनके जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है. चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन को मजबूती प्रदान करनी है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.

महत्वपूर्ण मामलों में पत्नी की राय जरूर लें

चाणक्य के अनुसार पत्नी से हर महत्वपूर्ण मामलों में राय जरूर लेनी चाहिए. जब बड़े फैसलों में पत्नी की राय शामिल हो जाती है तो परिणाम यदि नकारात्मक भी आएं तो जीवन को प्रभावित नहीं करते हैं. खराब समय आने पर पति और पत्नी मिलकर सामना करने में सक्षम होते हैं.

पति और पत्नी के रिश्ते में नहीं होनी चाहिए संवाद हीनता

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि किसे भी रिश्ते में संवाद हीनता अच्छी नहीं होती है. पति और पत्नी के रिश्ते में तो ये बिल्कूल भी नहीं होनी चाहिए. पति और पत्नी का रिश्ता ऐसा होना चाहिए जिसमें हर तरह की बात कहने की स्वंत्रता हो. संवाद हीनता में रिश्ते प्रभावित होते हैं. इसलिए पति और पत्नी के पवित्र रिश्ते में संवाद हीनता के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

एक दूसरे का आदर सम्मान करें

चाणक्य के अनुसार सुखद दांपत्य जीवन का सरल मंत्र यही है कि पति और पत्नी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. दांपत्य जीवन में पति और पत्नी का सम्मान अलग अलग नहीं होता है. बल्कि एक ही रथ के दो पहिए हैं. इसलिए इस रिश्ते में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए. ये तभी संभव है जब एक दूसरे की ताकत बनेंगे.


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