धर्म-अध्यात्म

जानिए चाणक्य नीति की वह बातें, जिसमें सामाजिक जीवन में सुखी जीवन बिताने के दिए गए है सुझाव

Nilmani Pal
27 Oct 2020 1:02 PM GMT
जानिए चाणक्य नीति की वह बातें, जिसमें सामाजिक जीवन में सुखी जीवन बिताने के दिए गए है सुझाव
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चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों को अपनाकर व्यक्ति बुरे और मुश्किल वक्त में भी मुस्कुराते हुए सफलत हो सकता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुशल अर्थशास्त्री और नीति शास्त्र के महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने सामाजिक जीवन से जुड़े तथ्यों पर गहनता से अध्ययन करके सुखी जीवन बिताने के सुझाव दिए हैं. चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों को अपनाकर व्यक्ति बुरे और मुश्किल वक्त में भी मुस्कुराते हुए सफलत हो सकता है.

चाणक्य के अनुसार मानव जीवन में एक वक्त ऐसा जरूर आता है जब व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दरअसल, इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसका सुख-दुख से सीधा नाता होता है. बुरा वक्त इंसान की परीक्षा लेने के लिए आता है. जो इस परीक्षा के समय में धैर्य और साहस नहीं खोता वो सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है.


>विद्या एवं ज्ञान

चाणक्य के अनुसार विद्या एक ऐसा गुप्त धन है जिसको प्राप्त करके बुरे समय को सरलता से बिताया जा सकता है. शिक्षित और ज्ञानवान व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है. समाज में लोग मदद के लिए हाथ आगे बढ़ने में नहीं हिचकते. ज्ञानी लोग किसी सीमा में बंधकर नहीं रहते बल्कि इन्हें हर कोई अपनाने के लिए तत्पर रहता है.

> धैर्य एवं संयम रखना

चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति का बुरा वक्त आए तो धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए. इंसान को हर मुश्किल समय के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. संकट की घड़ी में घबराने की बजाय धैर्य बनाए रखने की जरूरत होती है. बुरे समय में धैर्य से काम लेना सबसे उत्तम माना जाता है. चाणक्य के अनुसार संकट की स्थिति में धैर्य रखते हुए गंभीरता से सभी पहलुओं को ध्यान रख आगे कदम बढ़ाने से सफलता अवश्य मिलती है.

> धन का संचय एवं दान

चाणक्य नीति अनुसार धन का संचय करना बेहद जरूरी है. हर व्यक्ति को अपने बुरे समय के लिए पैसा बचाकर रखना चाहिए. धनवान व्यक्ति पैसे के बल पर कई प्रकार के संकटों का सामना करने में सक्षम होते हैं. वहीं, जरूरतमंदों की मदद करने और धन दान को हमेशा गुप्त रखने का प्रयास करना चाहिए. दान का फल तभी प्राप्त होता है जब उसे सच्चे हृदय से निस्वार्थ भावना से किया जाए.

>निर्णय लेने की क्षमता

चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को आवेश में आकर कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए. साथ ही आवेश में आकर कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए. क्योंकि ऐसे में गलती होने के संभावना अधिक होती है. सफल होने के लिए व्यक्ति में सोच समझकर निर्णय लेने की क्षमता का गुण होना जरूरी है.

> आत्मविश्वास की भावना

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को आत्मविश्वास के साथ अपने पथ पर अग्रसर होना चाहिए. किसी की बातों में आकर अपने विश्वास को नहीं डगमगाना चाहिए. इसके साथ ही जो लोग सामने मीठी भाषा का प्रयोग करते हैं और पीठ पीछे बुराई करते हैं उन पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए.

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