लाइफ स्टाइल

मेनोपॉज बना सकता है डिप्रेशन का शिकार

Ritisha Jaiswal
27 Aug 2022 2:29 PM GMT
मेनोपॉज बना सकता है डिप्रेशन का शिकार
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मेनोपॉज (Menopause) या रजोनिवृत्ति एक महिला के जीवन में काफी अहमियत रखता है।

मेनोपॉज (Menopause) या रजोनिवृत्ति एक महिला के जीवन में काफी अहमियत रखता है। यह एक ऐसा दौर होता है जब महिलाओं में पीरियड साइकिल खत्‍म होने लगता है। इसका सामना महिलाएं अकसर 40-45 साल की उम्र के बीच में करती हैं। इस दौरान लगभग 12 महीने तक पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं।

टीनएज में जिस तरह से पीरियड शुरू होने के समय में बॉडी में कई तरह के हॉर्मोनल चेंजेस होते हैं, ठीक उसी तरह से मेनोपॉज के समय में भी शरीर कई बदलाव में से होकर गुजरता है
मेनोपॉज के समय में शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) हार्मोन के स्तर में बदलाव आने लगता है जिससे सामंजस्‍य बिठा पाना कई बार बहुत मुश्‍किल हो जाता है। कभी-कभी महिलाएं इस दौरान डिप्रेशन का भी शिकार हो जाती हैं।
अब आप कैसे समझेंगे कि मेनोपॉज के समय में आप डिप्रेशन (Depression) या तनाव की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं, हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं जिन पर मेनोपॉज के समय में ध्‍यान देने की जरूरत है ताकि आप सही समय पर उचित कदम उठा सकें।
मेनोपॉज में डिप्रेशन के लक्षण-
चिड़चिड़ापन
लोगों से अलग-थलग रहना
काम में मन न लगना
बॉडी में थकान महसूस करना
भूख कम लगना
मन उदास रहना
खुद को कैसे संभाले-
हमेशा यह बात ध्‍यान में रहनी चाहिए कि परिवर्तन ही जीवन का नियम है। हर दौर, हर उम्र में हमारे शरीर और मन में तरह-तरह के बदलाव आते हैं। अब तक अगर इन चीजों को बखूबी संभाला है, तो यह स्थिति भी संभल जाएगी और आगे का सफर भी शानदार तरीके से जारी रहेगा।
खुद को प्रॉयरिटी दें। अब तक आपने अपने परिवार के हर एक सदस्‍य का ख्‍याल रखा और खुद को अकसर अनदेखा कर दिया है, लेकिन अब खुद को वक्‍त दें, अपने लिए भी जीना सीखें। उस काम पर ज्‍यादा फोकस करें जो आपको करना सबसे अच्‍छा लगता है।
इस दौरान मेडिटेशन (Meditation ) करें, योग (Yoga) में रूचि लें, आध्‍यात्‍म (Spirituality) का भी रूख कर सकते हैं। इसका फायदा आपको लॉन्‍ग टर्म में मिलेगा। इससे दिमाग अनचाही चीजों में उलझेगी ही नहीं और आप खुल कर जी सकेंगी।
वक्‍त मिले तो कहीं घूमने चले जाएं या कोई डांस या म्‍यूजिक ग्रुप ज्‍वॉइन कर लें। तरह-तरह की एक्टिविटीज करें। अच्‍छी किताबें भी इस दौरान मदद दे सकती हैं। यह एक दौर है, उम्र के हर एक पड़ाव की तरह, इसे भी खुशी से एक्‍सेप्‍ट करें क्‍योंकि आप अकेली नहीं है। हर एक महिला को इससे गुजरना पड़ता है।


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