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राहु-केतु का नाम आते ही लोगों को अक्सर डर लगने लगता है
राहु-केतु का नाम आते ही लोगों को अक्सर डर लगने लगता है. ज्योतिष में इन दोनों को छाया ग्रह माना गया है. ज्योतिष के अनुसार किसी भी कुंडली में राहु और केतु के कारण ही कालसर्प दोष निर्मित होता है. कहते हैं कि जिस कुंडली में राहु-केतु यदि अपने अशुभ फल देने लगते हैं, उस इंसान का जीवन नर्क बन जाता है. उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उसके पग-पग पर बाधाएं आती हैं. कई बार हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि हर तरफ निराशा ही हाथ लगती है. ज्योतिष में राहु-केतु से जुड़े कई ऐसे उपाय बताए गये हैं, जिन्हें करते ही चमत्कारिक रूप से इन दोनों से जुड़े कष्ट दूर हो जाते हैं. तो आइए जानते हैं राहु-केतु के सरल-सहज उपायों के बारे में –
राहु के उपाय
राहु की शांति के लिए इसके बीजमंत्र 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः' मंत्र का प्रतिदिन एक माला जप करें. घर में राहु यंत्र की स्थापना करने से राहु का दुष्प्रभाव दूर होता है.
राहु से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए आपको अपने आराध्य देव की मूर्ति किसी सिक्के पर बनवाकर प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए.
राहु के कष्टों से बचने के लिए भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें.
राहु के कष्टों से बचने के लिए उड़द, गर्म कपड़े, सरसों, काला फूल, राई आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए. राहु का दान हमेशा शनिवार के दिन करना चाहिए.
राहु की शांति के लिए शनिवार के दिन किसी नदी में कोयला, काला तिल, पानी वाला नारियल, कच्चा दूध, तांबा आदि प्रवाहित करना चाहिए.
केतु के उपाय
रविवार के दिन किसी दिव्यांग व्यक्ति को भोजन कराना चाहिए.
केतु से जुड़े कष्टों को दूर करने के 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:' मंत्र का जप करना चाहिए.
केतु के दोष को दूर करने के लिए घर में चितकबरा कुत्ता या चितकबरे रंग की गाय पालें.
केतु का रंग चितकबरा है और इसका दिन रविवार है. इसलिए केतु से जुड़े उपायों को रविवार के दिन विशेष रूप से करना चाहिए.
केतु की शुभता पाने के लिए तिल, झण्डी, काजल, गरम कपड़े, सतनजा, मूली आदि का दान करना चाहिए.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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