धर्म-अध्यात्म

जानिए चातुर्मास से जुड़ी कथा

Tara Tandi
6 July 2022 5:07 AM GMT
जानिए चातुर्मास से जुड़ी कथा
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देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के दिन से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के दिन से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं. देवशयनी एकादशी से चातुर्मास (Chaturmas) प्रारंभ होता है, जो देवउठनी एकादशी को समाप्त होता है. चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता हैं. इस साल देवशयनी एकादशी 10 जुलाई दिन रविवार को है. अब मन में प्रश्न उठता है कि भगवान विष्णु 4 माह तक कहां रहते हैं? तो इस प्रश्न के बारे में बता रहे हैं तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव.

चातुर्मास से जुड़ी एक कथा
एक कथा भागवत पुराण में है, जिसमें भगवान विष्णु की लीला का वर्णन किया गया है. भगवान विष्णु ने देवमाता अदिति और कश्यप ऋषि के घर एक ब्राह्मण बालक के रूप में जन्म लिया था. यह भगवान विष्णु का वामन अवतार था. य​​ह घटना उस समय की है, जब असुरों के राजा बलि ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया. स्वर्ग पर फिर से देवतों का अधिपत्य हो, इसके लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया.
एक समय की बात है, जब असुरराज बलि यज्ञ करा रहा था. तभी भगवान विष्णु अपने वामन अवतार में उस यज्ञ में पहुंचे. बलि अपने वचन का पक्का और दानी व्यक्ति था. भगवान विष्णु ने वामन अवतार में बलि से तीन पग भूमि मांगी.
असुरों के गुरु शुक्राचार्य को यह बात थोड़ी अजीब लगी, तो उन्होंने बलि को चेताया. लेकिन वह नहीं माना और तीन पग भूमि दान में देने की बात कही. उसके पश्चात भगवान विष्णु ने विकराल स्वरूप धारण किया. फिर एक पग में देवलोक, दूसरे पग में भूलोक नाप दिया. उसके बाद बलि से पूछा कि तीसरा पग कहां रखूं.
बलि ने कहा कि हे प्रभु! अब तो मेरा शीश ही शेष बचा है. आप इस पर अपना तीसरा पग रखें. तब उन्होंने तीसरा पग उसके शीश पर रखा. भगवान विष्णु बलि की दान वीरता और वचनबद्धता से बहुत प्रसन्न हुए और उसे पाताल लोक का राजा बना दिया. फिर बलि से वर मांगने को कहा.
बलि न कहा कि प्रभु! मैं चाहता हूं कि जब भी सोकर आंखे खोलूं तो सबसे पहले आपके दर्शन हों. भगवान विष्णु ने तथास्तु कह दिया और बलि के साथ पाताल लोक में रहने लगे. तब माता लक्ष्मी ने बलि को अपना भाई बना लिया, जिसके परिणाम स्वरुप बलि ने भगवान विष्णु को उनके वचन से मुक्त कर दिया.
तब भगवान विष्णु ने बलि से कहा कि वे साल के 4 मास पाताल लोक में निवास करेंगे, वही मान्यता है कि चातुर्मास के समय में भगवान विष्णु पाताल लोक में रहते हैं.
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