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चैत्र अमावस्या 21 मार्च दिन मंगलवार को है.
चैत्र अमावस्या 21 मार्च दिन मंगलवार को है. चैत्र अमावस्या को भौमवती अमावस्या (Bhaumati Amavasya) और भूतड़ी अमावस्या (Bhutadi Amavasya 2023) भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं इसलिए इस दिन सूनसान जगह या शमशान के पास से नहीं निकलना चाहिए. पितृों को तृप्त करने के लिए इस दिन विशेष पूजा विधिवत करनी चाहिए और चैत्र अमावस्या की कथा भी पढ़नी चाहिए. चलिए आपको इसकी पूजा विधि और कथा के बारे में बताते हैं.
क्या है चैत्र अमावस्या की कथा? (Chaitra Amavasya Vrat Katha in Hindi)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में क राजा रहता था. उसके राज्य के लोग अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहे थे. राजा की रानी बहुत ही धार्मिक विचारों वाली थी. राजा के महल के सामने एक साहूकार की हवेली थी. उस साहूकार की पत्नी से रानी की घनिष्ट मित्रता थी . एक दिन हवेली से साहूकार की पत्नी की रोने-चिल्लाने की आवाज आई जिसके बाद रानी ने कारण पूछा. राजा ने बताया कि सेठ का पुत्र मर गया है. रानी हर दुख से वंचित थी इसलिए वो राजा से पूछती है कि ये दुख क्या होता है कि सेठ की पत्नी इतना रो रही है. इसपर राजा ने बताया कि जब तुम्हारा बेटा मरेगा तब तुम्हे पता चलेगा.इसके बाद रानी ने अपने बेटे को नीचे फेंक दिया लेकिन भगवान की कृपा से वो बच गया. रानी ने फिर पूछा कि ये दुख क्या होता है.
तब राजा ने कहा कि जब पड़ोसी राज में युद्ध होता है, मैं भी उस युद्ध में अकेला जाऊंगा. जब तुम मेरे मरने का समाचार सुनोगी तब पता चलेगा. रानी अमावस्या के व्रत करती थी जिसके कारण राजा भी युद्ध जीतकर वापस आ जाते हैं. इसके बाद राजा ने रानी से कहा कि अब हम गंगा मां के दर्शन को जाएंगे. तब मैं वहां जाकर गंगा नदी में कूद जाऊंगा तब तुम्हे पता चलेगा कि दुख क्या होता है. भगवान शंकर कैलाश पर बैठकर सबकुछ देखते हैं. उन्होंने माता पार्वती से कहा कि मैं तुम्हे सुखी आत्मा के दर्शन करवाता हूं. इसके बाद भगवान शिव ने बकरे और माता पार्वती ने बकरी का रूप धारण किया. वह एक बावली के पास घास चरने लगे.
रानी ने उस बावली को देखा तो उसने कहा कि हम यहीं विश्राम करेंगे. रानी ने महादेव और माता पार्वती की बातें सुन लींज जिसमें महादेव माता पार्वती से कहते हैं कि रानी ने अमावस्या का व्रत किया है. इसलिए उसे इस जन्म में कोई दुख नहीं मिलेगा. इसके बाद रानी को सबकुछ समझ आ गया और उसने राजा को सारी बात बताई. ऐसा माना जाता है कि अमावस्या का व्रत रखने से इंसान के जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं.
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Apurva Srivastav
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