धर्म-अध्यात्म

जानिए देवोत्थान एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व

Ritisha Jaiswal
14 Nov 2021 10:25 AM GMT
जानिए देवोत्थान एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व
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प्रबोधनी या देवोत्थान एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग कर पुनः अपना कार्यभार संभालते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रबोधनी या देवोत्थान एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग कर पुनः अपना कार्यभार संभालते हैं। आज से चतुर्मास की सामाप्ति होती है और मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु और तुलसी मां के पूजन का विधान है। आज के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत और पूजन किया जाता है। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पूजन में इच्छा और मनोकामना के अनुरूप फूल चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में भगवान विष्णु को अलग-अलग फूल चढ़ाने से इच्छा अनुरूप फल प्राप्त करने विधान है। आइए जानते हैं आज विष्णु पूजन में भगवान को कौन सा फूल चढ़ाए....

1-पीला रंग भगवान विष्णु को विशेष रूप से प्रिय है आज देवोत्थान एकादशी के दिन पूजन में भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाने से शीघ्र प्रसन्न होते हैं और संसार में मान-प्रतिष्ठा और यश-कीर्ती की प्राप्ति होती है।
2- विष्णु पूजन में आज देवोत्थान एकादशी के दिन गुलाब के फूल चढ़ाने से धन लाभ होता है और मुक्ति मिलती है।
3- आज एकादशी के दिन जो अशोक के फूलों से भगवान विष्णु का पूजन करते हैं वे किसी भी तरह के रोग और शोक से दूर रहते हैं।
4- जो मनुष्य आज के दिन सफेद या लाल कनेर के फूल श्री हरि को अर्पित करते हैं भगवान उनसे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और बैकुंठ लोक में स्थान प्रदान करते हैं।
5- शास्त्रों में उल्लेख है कि विष्णु पूजन में आम की मंजरी चढ़ाने करोड़ों गायों के दान का फल मिलता है।
6- दूब या दूर्वा भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है, लेकिन आज के पूजन में भगवान विष्णु को दूब या दूर्वा चढ़ाने से पूजन का सौ गुना फल मिलता है।
7- कदम्ब के फूल भगवान विष्णु को विशेष रूप से प्रिय हैं। मान्यता है कि एकादशी के दिन जो भी श्री हरि को कदम्ब के फूल चढ़ाते हैं, उनकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती
8- पूजन में चंपा के फूल चढ़ाने से संसार के आवागमन के चक्र से मुक्ति मिलती है।




Ritisha Jaiswal

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