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अगर किसी जातक की कुण्डली में बृहस्पति अनुकूल स्थान पर हो तो जातक की बुद्धि में वृद्धि करता है, संतान को सुख देता है, विवाह के अवसर पैदा करता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु का स्थान कमजोर हो तो जातक के विवाह में देरी, संतान प्राप्ति में कठिनाई और जीवन के अन्य क्षेत्रों में परेशानी हो सकती है. ऐसे में नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए गुरुवार को आप इन उपायों को कर सकते हैं.
गुरु दोष से मुक्ति पाने के लिए अपने नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर गुरुवार का व्रत करते हुए स्नान करें. इसके अलावा नहाते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें. माथे पर केसर का तिलक लगाएं.
गुरुवार का व्रत करें और हो सके तो केले के पौधे की पूजा करें. इससे विवाह में आ रही रुकावटें समाप्त हो जाएंगी.
गुरु दोष से मुक्ति पाने के लिए अपने नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर गुरुवार का व्रत करते हुए स्नान करें. इसके अलावा नहाते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें. माथे पर केसर का तिलक लगाएं. गुरुवार का व्रत करें और हो सके तो केले के पौधे की पूजा करें. इससे विवाह में आ रही रुकावटें समाप्त हो जाएंगी.
गुरुवार के दिन कुंडली में गुरु का स्थान सुधारने के लिए उधार देते समय अधिक सावधानी बरतें. ऐसा न करने से वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
आप गुरुवार का व्रत रखते हैं तो इस दिन आप सत्यनारायण की व्रत कथा जरूर सुन सकते हैं. बृहस्पति देव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन विधि-विधान से बृहस्पति देव की पूजा करें. चंदन और पीले फूल चढ़ाएं. प्रसाद में चना दाल और गुड़ शामिल करें.
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