धर्म-अध्यात्म

जानिए इस मंदिर का राज, जो सिर्फ प्रेमी कर सकते है पूजा

Tara Tandi
11 Feb 2021 10:31 AM GMT
जानिए इस मंदिर का राज, जो सिर्फ प्रेमी कर सकते है पूजा
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14 फरवरी को देशभर के लगभग कोनों में प्रेमियों का त्यौहार वेलेंटाइन मनाया जाएगा।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | 14 फरवरी को देशभर के लगभग कोनों में प्रेमियों का त्यौहार वेलेंटाइन मनाया जाएगा। कहा जाता है इस दिन से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार युवा-युवती इस दिन एक-दूसे से अपने प्यार का इज़हार करते हैं और कामना करते हैं कि जिससे वो प्यार करते हैं वो उनका प्यार को अपना लें। तो अगर आप भी चाहते हैं कि इस वेलेंटाइन आपको अपने प्यार हासिल हो तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं जहां प्रेमी अपनी प्रमिका को पाने के लिए प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है इस मंदिर की सबसे खास बात तो यो है कि इस मंदिर में बच्चे और बूढ़ों के आने पर पाबंदी है। जी हां, बताया जाता है जहां एक तरफ़ लोग वेलेंटाइन डे को मनाने के लिए विभिन्न जगहों पर जाना पसंद करते हैं तो वहीं प्रेमी अपने प्रेमिका को पाने के लिए छत्तीसगढ़ में स्थित माता मुकड़ी मंदिर में जाते हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातें-

बताया जाता है छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा जिले के गांव युवा अपनी प्रेयसियों को पाने के लिए गांव में ही स्थित मंदिर माता मुकड़ी मावली जिसका अर्थात वन राक्षसी है, में जाते हैं। बता दें दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 40 कि.मी दूर छिंदनार ग्राम तथा उससे 4 कि.मी की दूरी पर एक टेकरी में माता मुकड़ी मावली का मंदिर है।

इस मंदिर से संबंधित जनश्रुतियां हैं कि युवा माता मुकड़ी मावली मंदिर की माता को अपनी प्रेमिका की तस्वीर तथा उसके कपड़े के टुकड़े दिखाते हुए पूजा करते हैं। इसके अलावा पास ही स्थित पत्थर के नीचे इसे दबा देते हैं। लोक मान्यता है कि ऐसा करने से मां प्रसन्न होकर प्रेमी-प्रेमिका का मिलन करा देती हैं।

इसके बाद जब उनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं तब उन्हें देवी को भोग में बकरा, मुर्गी व बत्तख चढ़ानी होती है। मंदिर के पुजारियों का मानना है कि मंदिर में केवल युवकों को ही प्रवेश करने दिया जाता है। हालांकि युवक भी दूर से देवी की पूजा कर पुजारी के जरिए अपनी बात देवी तक पहुंचाते हैं। युवकों को पूजा के लिए प्रेयसी की तस्वीर व उसके कपड़े का टुकड़ा लाना होता है। मंदिर के पुजारियों का कहना है कि देवी की पूजा के लिए कोई विशेष दिन तय नहीं है। आषाढ़ मास में इस मंदिर में मेला लगता है, हालांकि इन दिनों वेलेंटाइन डे के बढ़ते क्रेज को देखते हुए वर्तमान समय में वेलेंटाइन डे पर भी यहां काफी युवा पूजा करने आते हैं।

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