धर्म-अध्यात्म

जाने गायत्री मंत्र जाप का नियम

Apurva Srivastav
14 Feb 2023 6:54 PM GMT
जाने गायत्री मंत्र जाप का नियम
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हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र के जाप को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र के जाप को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि गायत्री मंत्र का निरंतर जाप करने से और नितदिन इससे जुड़े नियमों का पालन करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद सदैव साधक पर बना रहता है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि गायत्री मंत्र के जाप से कई प्रकार के दोष भी खत्म हो जाते हैं और व्यक्ति को आंतरिक शांति की अनुभूति होती है। आइए पढ़ते हैं गायत्री मंत्र जाप का नियम, समय और महत्व।
गायत्री मंत्र जाप का समय (Gayatri Mantra Jaap Time)
गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
प्रथम समय- गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से पहले यानि ब्रह्म मुहूर्त में शुरू करें और सूर्योदय काल तक करते रहें।
द्वितीय समय- दूसरी बार गायत्री मंत्र के जाप के लिए दोपहर का समय सबसे उत्तम है।
तृतीय समय- शाम के समय सूर्यास्त से कुछ समय पहले गायत्री मंत्र का जाप प्रारंभ करें और सूरज अस्त होने तक इसका जाप करते रहें।
गायत्री मंत्र जाप विधि (Gayatri Mantra Jaap Vidhi)
शास्त्रों में बताया गया है कि गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से किया जाना चाहिए। इससे साधक को बहुत लाभ मिलता है।
इस चमत्कारी मंत्र का जाप मौन रहकर करना चाहिए। ऊंची आवाज में मंत्र का उच्चारण ना करें। ऐसा करने से मंत्र का प्रभाव कम हो जाता है।
शुक्रवार को गायत्री मंत्र जाप करते समय पीले वस्त्र में और हाथी पर विराजमान माता गायत्री का ध्यान करें।
गायत्री मंत्र का जाप गुरु या किसी पुरोहित के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी सी गलती भी साधक के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
गायत्री मंत्र का जाप करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में जाप करते समय पूर्व दिशा में मुख करके जाप करें। संध्या काल में पश्चिम दिशा में मुख करके जाप करें।
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