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तेल शनिदेव से संबंधित है तेल का हमारे जीवन में भी बहुत बड़ा योगदान है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तेल शनिदेव से संबंधित है. तेल का हमारे जीवन में भी बहुत बड़ा योगदान है. तेल के कई फायदे और नुकसान भी हैं. आइए जानते हैं कि तेल का पूजा में किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं और सुख-समृद्धि को अपने घर ला सकते हैं.
चमेली का तेल
हर मंगलवार या शनिवार को सिंदूर और चमेली के तेल को हनुमान जी को अर्पित करना चाहिए. हनुमान जी के सामने नियमित रूप से धूप-अगरबत्ती लगानी चाहिए. हार-फूल भी चढ़ाने चाहिए. हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक नहीं जलाया जाता है बल्कि तेल उनके शरीर पर लगाया जाता है. ऐसा करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
सरसों का तेल
एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी छाया देखें और उसे शनिवार के दिन शाम को शनिदेव के मंदिर में रख आएं. इसके अलावा आप अलग से भी शनिदेव को तेल चढ़ा सकते हैं. इस उपाय से आपके ऊपर शनिदेव की कृपा बनी रहेगी.
तिल का तेल
41 दिन तक लगातार तिल के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाने से असाध्य रोगों में लाभ मिलता है और मरीज स्वस्थ हो जाता है. साधनाओं और सिद्धियों को पाने के लिए भी पीपल के नीचे दीपक जलाने का विधान है.
शारीरिक कष्ट दूर करने के लिए
शनिवार को सवा किलो आलू और बैंगन की सब्जी सरसों के तेल में बनाएं. उतनी ही पूरियां सरसों के तेल में बनाकर दिव्यांग और गरीब लोगों को खिलाएं. ऐसा कम से कम 3 शनिवार को करेंगे तो शारीरिक कष्ट दूर हो जाएंगे.
धन-समृद्धि पाने के लिए क्या करें
कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें. इससे अनिष्ट दूर होगा और धन भी मिलेगा.
सुख-शांति के लिए
खुशहाल पारिवारिक जीवन के लिए किसी भी आश्रम में कुछ आटा और सरसों का तेल दान करें.
Ritisha Jaiswal
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