धर्म-अध्यात्म

जानिए चंदन से जुड़े धार्मिक लाभ और चंदन का क्या होता है महत्व

HARRY
15 May 2023 6:55 PM GMT
जानिए चंदन से जुड़े धार्मिक लाभ और चंदन का क्या होता है महत्व
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चंदन, हरि चंदन, गोपी चंदन आदि।

जनता से रिश्ता बेबडेस्क | पूजा के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले चंदन कई प्रकार के हाते हैं जैसे लाल चंदन, पीला चंदन, सफेद चंदन, हरि चंदन, गोपी चंदन आदि।

चंदन का सिर्फ आयुर्वेद में ही नहीं बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। किसी भी देवी-देवता की पूजा बिना चन्दन के सम्पन्न नहीं होती है। पूजा के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले चंदन कई प्रकार के हाते हैं जैसे लाल चंदन, पीला चंदन, सफेद चंदन, हरि चंदन, गोपी चंदन आदि। चंदन का प्रयोग श्रीहरि विष्णु को तिलक लगाने से लेकर उनके मंत्रों का जाप करने के लिए इसकी माला का प्रयोग किया जाता है। चंदन सिर्फ आपकी आस्था से ही नहीं बल्कि आपकी मनोकामनाओं से भी जुड़ा होता है। आइए जानते हैं अलग-अलग चन्दन को लगाने का क्या महत्व होता है।

मान्यता है कि गले में सफेद चंदन की माला को धारण करने से श्रीहरि विष्णु की कृपा बनी रहती है और साधक को मानसिक शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

चंदन की माला की तरह चंदन का तिलक भी शुभता लिए होता है। मान्यता है कि श्रीराम, श्रीकृष्ण और शिवजी की पूजा में चंदन का तिलक अर्पण करने के बाद उसे प्रसाद स्वरूप माथे पर लगाने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। माथे पर लगा तिलक सभी आपदाओं से बचाता हुआ सुख-सौभाग्य का कारक बनता है।

सफेद चंदन की माला से महासरस्वती, महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप करना विशेष शुभफलप्रद होता है।स्कंद पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को अधिकतर गोपी चन्दन अर्पित किया जाता है और फिर भक्त अपने माथे पर इसे लगते हैं। इस तिलक को धारण करने वाले को समस्त तीर्थ स्थानों में दान देने तथा व्रत पालन करने का फल मिलता है। मान्यता है कि प्रतिदिन गोपी-चंदन से तिलक धारण करने वाला पापी मनुष्य भी भगवान कृष्ण के धाम, गोलोक वृन्दावन को प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु और उनके अवतारों को हरि चन्दन का तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर लगाएं। ऐसा करने से आपका मन और दिमाग दोनों शांत रहेंगे। इसके साथ ही व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ-साथ मान-सम्मान की भी प्राप्ति होगी। हरि चन्दन तुलसी की शाखाओं और जड़ से तैयार किया जाता है। इसको धारण करने से मनुष्य के रोग और शोक दूर होकर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

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