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धर्म-अध्यात्म
जानिए महिलाओं के बिछिया पहनने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
Gulabi Jagat
22 April 2022 7:30 AM GMT

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बिछिया पहनने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
भारत विविधताओं का देश है. यहां हर धर्म और समुदाय के अलग-अलग रीति-रिवाज हैं. हिंदू धर्म में आपने विवाहित महिलाओं को बिछिया पहने जरूर देखा होगा. बिछिया को अंगूठे (Bichiya) की बगल वाली उंगली में पहना जाता है. बहुत सी महिलाएं (Women Toe Rings) अंगूठे में भी बिछिया पहनती हैं. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि महिलाएं बिछिया क्यों पहनती हैं? आइए यहां जानें. दरअसल हिंदू धर्म में बिछिया पहनना विवाहित होने का प्रतीक माना जाता है. इसे पहनने से न केवल आपके पैरों की खूबसूरती बढ़ती है बल्कि (Toe Rings) इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं. आइए यहां जानें बिछिया पहनने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व.
बिछिया का रामायण काल से है संबंध
ऐसा माना जाता है कि रावण ने जब माता सीता का अपहरण किया था, तो उन्होंने अपनी पहचान के लिए ये बिछिया फेंक दिए थे. इसलिए महिलाओं के लिए इन्हें पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ये महिला को उसके पति से जोड़कर रखता है. दुर्गा पूजा के दौरान देवी मां को ये बिछिया पहनाए जाते हैं.
बिछिया सोलह श्रृंगार का हैं हिस्सा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बिछिया दुल्हन के सोलह श्रृंगार का हिस्सा होते हैं. हिंदू धर्म में ये बहुत ही महत्व रखते हैं. हर विवाहित महिला को इन्हें पहनना जरूरी होता है. ये सुहाग की निशानी होते हैं. इसे लक्ष्मी का वाहक माना जाता है. इसलिए अगर ये खो जाए तो बहुत अशुभ माना जाता है.
वैज्ञानिक महत्व
विज्ञानके अनुसार महिलाओं के बिछिया पहनने से उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है. क्योंकि बिछिया को अंगूठे की बगल वाली उंगली में पहना जाता है. ये एक्यूप्रेशर का काम करती है. इस उंगली की नसें सीधे हृदय और महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी होती हैं. इससे उंगली की नसों पर दवाब पड़ता है जिससे नसों में खून का संचार सही तरीके से होता है. इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या सामना नहीं करना पड़ता है. इसलिए जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है उनका बिछिया पहनना बहुत ही फायदेमंद होता है.
चांदी के ही बिछिया क्यों पहने जाते हैं
दरअसल सोने को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि कमर के नीचे सोने के आभूषण पहनने से देवी लक्ष्मी का अपमान होता है. इसलिए चांदी की ही बिछिया पहने जाते हैं. चांदी को विद्युत का सुचालक माना जाता है. ये धरती की पोलर ऊर्जाओं को सोखता है और इस ऊर्जा को शरीर तक पहुंचाता है. इससे हमारे शरीर में इस ऊर्जा का संचार होता है. इससे महिलाएं अच्छा महसूस करती हैं. ये महिलाओं के शरीर से नकारात्मकता को दूर करने के लिए जाना जाता है.
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