धर्म-अध्यात्म

जानिए एकादशी के दिन चावल न खाने के पीछे की वजह

Bhumika Sahu
18 Aug 2021 3:57 AM GMT
जानिए एकादशी के दिन चावल न खाने के पीछे की वजह
x
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना होती है. इस दिन कई श्रद्धालु भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं. कई लोग जानते हैं कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता है. लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन श्रद्धालु विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं. पूरे साल में 24 एकाशी तिथि पड़ती हैं. एकादशी हर महीने के दोनों पक्षों में आती है. सावन का पावन महीना चल रहा है. आज श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी है. ये एकादशी विशेष रूप से पुत्र की लंबी उम्र और सुख के लिए होती है. ये व्रत निसंतान लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.

पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाती है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए. इस दिन व्रत, जप- तप और दान पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए. इस खास दिन पर चावल नहीं खाना चाहिए. लेकिन कया आप जानते हैं एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए.

धार्मिक मान्यता
मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन चावल खाने से रेंगने वाले जीव में जन्म होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महार्षि मेधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया और उनके शरीर के अंग धरती में समा गया था, उस दिन एकादशी तिथि थी. माना जाता है कि महार्षि मेधा का जन्म जौ और चावल के रूप में हुआ था. यही वजह है कि चावल और जौ को जीव मानते हैं इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता है. मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महार्षि मेधा के मांस और रक्त के सेवन करने के सामाना माना जाता है.
वैज्ञानिक मान्यता
वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, चावल में पानी की मात्रा अधिक होती है. पानी पर चंद्रमा का प्रभाव पड़ता है और चंद्रमा मन का कारक होता है. चावल का सेवन करने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. मन चंचल होने से व्रत करते समय बांधा उत्पन्न हो सकती है. यही कारण है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करना नहीं चाहिए.


Next Story