धर्म-अध्यात्म

जानिए सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि

Tara Tandi
25 July 2022 9:50 AM GMT
जानिए सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
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पंचांग के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ ही सावन सोमवार का काफी महत्व है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंचांग के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ ही सावन सोमवार का काफी महत्व है। इसके साथ ही सावन माह में पड़ने वाले हर एक मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत का व्रत रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है। सावन के दूसरे मंगला गौरी काफी खास है। क्योंकि इस दिन सावन शिवरात्रि भी पड़ रही है जिसके कारण शिव-गौरी योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मंगला गौरी व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी। जानिए सावन माह के दूसरे मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त
सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि- 26 जुलाई की शाम को 6 बजकर 45 मिनट से लेकर 27 जुलाई को रात 9 बजकर 10 मिनट तक रहेगी।
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक
अमृत काल - शाम 04 बजकर 53 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 03 बजकर 58 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - 25 जुलाई को सुबह 5 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 26 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 14 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग- 25 जुलाई को सुबह 5 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 26 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 14 मिनट तक
सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
स्नान के बाद साफ सुथरे और सूखे कपड़े पहन लें।
मां पार्वती का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके साथ इस मंत्र को बोले-मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये।
मां मंगला गौरी (मां पार्वती) की तस्वीर लेकर चौकी में लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर रख दें।
आटे से दीपक बनाकर घी भरकर मां पार्वती के सामने जला दें।
मां मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
मां मंगला गौरी 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें।
5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज आदि चढ़ा दें।
घी-दीपक जला दें।
अब मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ लें।
अंत में विधिवत आरती कर लें
दिनभर व्रत रखकर एक बार अन्न ग्रहण करें।
मंगला गौरी व्रत का मंत्र
मां मंगला गौरी की पूजा के साथ इन मंत्र का जाप करें- ॐ गौरी शंकराय नमः
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