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सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन एकादशी का व्रत इन सभी में खास माना जाता हैं जो कि हर माह में दो बार पड़ता हैं और साल में कुल 24 एकादशी का व्रत किया जाता हैं। एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक मानी गई हैं।
जो कि श्री हरि को समर्पित होती हैं इस दिन भक्त भगवान विष्णु के निमित्त उपवास रखकर पूजा पाठ करते हैं। कहा जाता है कि एकादशी व्रत पूजन करने से साधक को उत्तम लाभ मिलता हैं। सावन के अधिकमास में पड़ने वाली पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई दिन शनिवार को किया जाएगा, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पद्मिनी एकादशी व्रत पूजन की संपूर्ण विधि बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
पद्मिनी एकादशी व्रत पूजा की विधि—
आपको बता दें कि पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पीले रंग के वस्त्रों को धारण कर व्रत का संकल्प करें। फिर पूजन स्थल की साफ सफाई कर भगवान की विधि विधार से पूजा करें श्री विष्णु का केसर मिले जल से अभिषेक करें। इसके बाद पूजन की सभी सामग्री भगवान को चढ़ाकर भोग लगाएं।
एकादशी की कथा का पाठ करें इसके बाद धूप दीपक जलाकर भगवान की विधि विधान से आरती करें और भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। इस दिन पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ जरूर करें। साथ ही द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण कर गरीबों व जरूरतमंदों को दान दें। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।
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